इसके लिए अलग से मॉड्यूल तैयार किया गया है. एनसीइआरटी द्वारा शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए अलग से सबल नामक मॉडयूल तैयार किया गया है. इसके जरिये शिक्षकों को कुल दस तरह के विकलांगों के बारे में जानकारी दी गयी है. साथ ही यह भी बताया गया है कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को किस प्रकार से शिक्षित किया जाये, जिससे वे आसानी से समझ सकें.
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सूबे के सभी प्राथमिक शिक्षक होंगे ‘ सबल
पटना: राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विकलांग बच्चे बेहतर शिक्षा ले सकें. इसके लिए शिक्षकों को पहले सबल किया जायेगा. जी हां, नि:शक्त बच्चों के लिए अब शिक्षकोंं को भी ट्रेंड किया जायेगा, ताकि वे बच्चाें की मनोदशा को समझते हुए शिक्षित कर सकें. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से समावेशी […]
पटना: राज्य भर के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विकलांग बच्चे बेहतर शिक्षा ले सकें. इसके लिए शिक्षकों को पहले सबल किया जायेगा. जी हां, नि:शक्त बच्चों के लिए अब शिक्षकोंं को भी ट्रेंड किया जायेगा, ताकि वे बच्चाें की मनोदशा को समझते हुए शिक्षित कर सकें. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से समावेशी शिक्षा के तहत यह नयी व्यवस्था लागू की गयी है. इसके तहत बिहार भर के सभी प्राथमिक शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
लगभग दो लाख बच्चे नामांकित
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रभात रंजन ने बताया कि डाइस के डाटा के अनुसार पूरे बिहार में नि:शक्त बच्चों की कुल संख्या एक लाख 99 हजार 162 हैं, जो विद्यालयों में नामांकित हैं. इन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की पहल की जा रही है. अब तक कुल 9634 विद्यालयों में अलग से शौचालय भी बनाये गये हैं. बच्चों के बैठने के लिए अलग से बेंच-डेस्क आदि भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं. प्रखंड स्तर पर नि:शक्ता पंजी तैयार की जायेगी. उसमें बच्चों का संपूर्ण विवरण अंकित होगा.
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