उसके पास से कई गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. सूत्रों के अनुसार, 2014 तक वह जम्मू-कश्मीर में लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट में तैनात था. यहीं वह हाल में जम्मू- कश्मीर के राजौरी से गिरफ्तार स्कूल टीचर साबार के संपर्क में आया. साबार ने उसे पाकिस्तानी जासूस कैफेतुल्ला से मिलवाया. दिल्ली पुिलस कैफेतुल्ला को गिरफ्तार कर चुकी है.
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पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ का जासूस गिरफ्तार
सिलीगुड़ी/ नयीदिल्ली: मिलिटरी पुलिस ने सिलीगुड़ी से सटी सुकना सैन्य छावनी, 33 कोर से एक संदिग्ध जासूस फरीद खान को गिरफ्तार किया है. जम्मू-कश्मीर निवासी फरीद 33 कोर में क्लर्क के पद पर कार्यरत था. वह हवलदार के समकक्ष पद पर था. सेना पुलिस को उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने […]
सिलीगुड़ी/ नयीदिल्ली: मिलिटरी पुलिस ने सिलीगुड़ी से सटी सुकना सैन्य छावनी, 33 कोर से एक संदिग्ध जासूस फरीद खान को गिरफ्तार किया है. जम्मू-कश्मीर निवासी फरीद 33 कोर में क्लर्क के पद पर कार्यरत था. वह हवलदार के समकक्ष पद पर था. सेना पुलिस को उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने का संदेह है.
पांचवीं गिरफ्तारी: दिल्लीके संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र यादव ने कहा कि आइएसआइ के संदिग्ध कार्यकर्ता कैफेतुल्ला खान की अगुवाईवाले जासूसी रैकेट के सिलसिले में यह पांचवीं गिरफ्तारी है. कैफेतुल्ला की गिरफ्तारी के बाद बीएसएफ के हेड कांस्टेबल अब्दुल राशिद, थल सेना के पूर्व हवलदार मुनव्वर अहमद मीर और सरकारी स्कूल के शिक्षक साबार को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया. अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, ‘फरीद ने ‘सर्जन’ कोड नाम का इस्तेमाल किया. वह पुलिस की नजर में तब आया, जब उन्हें खान के पास से एक सीडी मिली, जिसमें बातचीत रिकॉर्ड थी.’
सेना पुलिस ने फरीद को दिल्ली क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना पुलिस को फरीद के विरुद्ध कई चीजें काफी दिनों से मिल रही थीं. उसकी हरेक गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी. सेना पुलिस फरीद पर सेना के महत्वपूर्ण दस्तावेजों के अलावा अति गोपनीय सूचनाएं इकट्ठी कर आइएसआइ को सुपुर्द करने की आशंका जता रही है.श्री यादव ने बताया कि फरीद को ट्रांजिट रिमांड पर सोमवार को दिल्ली लाया जायेगा.
आतंकी के संदेह में पुलिस ने लिया हिरासत में
सिलीगुड़ी. आतंकवादी होने के संदेह में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने शनिवार की देर रात बाबूपाड़ा के निकट लेकटाउन इलाके में मुहिम चलाकर एक व्यक्ति को उसके घर से ही हिरासत में ले लिया. रविवार की सुबह पूछताछ करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया. लेकटाउन की श्रीमा सरणी के रहने वाले उस व्यक्ति का नाम ललित दास है. वह मूल रूप से असम के रंगिया जिला का रहने वाले है. सिलीगुड़ी में वह काफी दिनों से रह रहा है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खुफिया एजेंसी एवं पुलिस की काफी दिनों से उस पर नजर थी. पुलिस को ललित दास के असम के प्रतिबंधित आतंकी संगठन उल्फा या नेशनल डेकोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के साथ तार जुड़े होने का संदेह था. पुलिस एवं खुफिया एजेंसी को यह खबर थी कि ललित के घर संदिग्ध एवं अपरिचित लोगों का हमेशा आना-जाना लगा रहता था. अधिकांश लोग असम से जुड़े थे. इसी के मद्देनजर शनिवार रात करीब 10 बजे सिलीगुड़ी के अतिरिक्त डिप्टी पुलिस कमिश्नर (डीसीपी, हेड क्वार्टर) मृणाल मजूमदार, सहायक पुलिस कमिश्नर (एसीपी) पिनाकी मजूमदार, सिलीगुड़ी थाना के इंस्पेक्टर अचिंत गुप्त, भक्तिनगर थाने के इंस्पेक्टर राजेन छेत्री ने बड़े दलबल के साथ, खुफिया एजेंसी एवं क्राइम विंग की पुलिस का सहयोग लेकर लेकटाउन में मुहिम शुरू की. सबसे पहले ललित के घर को चारों ओर से घेरा गया. रात करीब 11 बजे पुलिस एवं खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने ललित के घर में घुसकर तलाशी ली. इस दौरान घर से किसी तरह का कोई हथियार बरामद नहीं हुआ. घर के सदस्यों से भी पुलिस ने पूछताछ की.
पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली कि अक्सर ही घर में असम के लोगों का आना-जाना लगा रहता था. मकान की दूसरी व तीसरी मंजिल पर अनजान लोगों को मोमबत्ती जला कर रहते देखा जाता था. ये लोग कभी भी कमरे में बिजली नहीं जलाते थे. ललित ने पुलिस को बताया कि उनका जन्म असम में हुआ है और वे वहीं पले-बढ़े हैं. उनका अभी भी असम से गहरा नाता है, इसलिए असम से उनके परिचित जब किसी कारणवश सिलीगुड़ी आते हैं, तो उनके यहां जरूर ठहरते हैं. पुलिस ने ललित को आतंकी संगठनों से जुड़े होने या लिंकमैन के रूप में संगठन के लिए काम करने के संदेह में रात को एक बजे हिरासत में लिया. रात भर उससे थाने में गहन पूछताछ की गयी. बाद में सुबह उसे छोड़ दिया गया.
दूसरी ओर, ललित की पत्नी प्रतिमा दास ने भी पुलिस के सामने अपने पति पर संदेह प्रकट किया. प्रतिमा का कहना है कि घर में हमेशा अपरिचित लोगों के ठहरने एवं उनकी बातचीत व क्रिया-कलापों से उसे संदेह होता था. इसे लेकर जब भी वह अपने पति के सामने आपत्ति प्रकट करती, वह आगबबूला हो उठते और बुरी तरह पिटाई भी करते. रात में लेकटाउन में सिलीगुड़ी पुलिस द्वारा चलाये गये ऑपरेशन के दौरान इलाकावासी आतंकित हो उठे थे. कोई भी अपने घर से बाहर नहीं निकल रहा था. डरे-सहमे घर में ही दुबके लोग खिड़कियों से झांक कर पुलिस मुहिम को देख रहे थे.
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