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विकास की आधी राशि भी खर्च नहीं : प्रेम कुमार

विकास की आधी राशि भी खर्च नहीं : प्रेम कुमार पटना. विधानसभा में विरोधी दल के नेता डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य सरकार का विकास के दावा पूरी तरह खोखला है. चालू वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में चार माह से भी कम का समय रह गया है लेकिन अब तक मात्र 47 […]

विकास की आधी राशि भी खर्च नहीं : प्रेम कुमार पटना. विधानसभा में विरोधी दल के नेता डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य सरकार का विकास के दावा पूरी तरह खोखला है. चालू वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में चार माह से भी कम का समय रह गया है लेकिन अब तक मात्र 47 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी है. सरकार बची राशि कैसे खर्च कर पायेगी. जब कि कई विभागों में यह राशि अब तक 40 प्रतिशत से भी कम खर्च हो पायी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकारी विभागों के खर्च की असलियत अलग में. अधिकांश राशि सरकार के निगमों यथा–पुल निर्माण निगम, पथ विकास निगम, बुडको, राज्य स्वास्थ्य समिति, जल स्वच्छता मिशन, भवन निर्माण निगम, जीविका इत्यादी के बैंक खातों में जमा है. सरकार योजना आकार में खर्च दिखा रही है, जब कि जमीनी स्तर पर खर्च नगण्य है और अधिकांश योजनायें ठप है तथा कोई योजना समय पर पूरा नहीं हो पा रही है. कई विभाग तो केन्द्र सरकार से प्राप्त पहली किस्त का उपयोगिता प्रमाणपत्र भी नहीं भेज पायी है और कह रही है कि केंद्र से पैसा ही नहीं मिल रहा है. चालू वित्तीय वर्ष के नौ महीनों में योजना की राशि के खर्च की गति कछुआ के गति से चल रही है. राज्य के 57 हजार 137 करोड़ रुपये के योजना आकार में अब तक मात्र 47 प्रतिशत यानी 26 हजार 855 करोड़ राशि खर्च हो सकी है. अभी भी 30 हजार 282 करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं हो सकी है. पंचायती राज में 9.92 प्रतिशत, गृह विभाग में 28.92 प्रतिशत, स्वास्थ्य विभाग में 38.79 प्रतिशत, ऊर्जा विभाग मे 37.11 प्रतिशत, पीएचइडी विभाग में 36.39 प्रतिशत राशि खर्च हुई है. सरकार के 24 विभागों में अब तक 40 प्रतिशत से भी कम राशि खर्च हुई है. राज्य के कुछ विभागों को छोड़ कर लगभग सभी विभागों में आवंटित राशि खर्च की रफ्तार कछुआ की गति से भी धीरे चल रही है. पथ निर्माण विभाग को मिला 4856 करोड़ मिला, जिसमें 3103 करोड़, गन्ना उद्योग को 101 करोड़ मिला जिसमें 84 करोड़, विज्ञान प्रावैधिकी 2015 करोड़ मिला जिसमें 114 करोड़, समाज कल्याण विभाग को मिला 4132 करोड़ खर्च हुआ 2699 करोड़, पिछड़ा–अति पिछड़ा विभाग को 1970 करोड़ में 1266 करोड़ खर्च हुआ, कृषि विभाग को 2121 करोड़ मिला जिसमें मात्र 639 करोड़, नगर विकास 1381 करोड़ मिला, जिसमें 339, पंचायती राज विभाग को 1032 करोड़ मिला, जिसमें मात्र 105 करोड़ रुपये ही खर्च किये गये. वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र चार महीने से कम समय बचा हुआ है. ऐसे में सरकार बताये कि इतनी बड़ी राशि चार महीने से कम समय में कैसे खर्च कर पायेगी.

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