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नगर पंचायत बनने पर होगा बिहारीगंज का विकास

उदाकिशुनगंज/बिहारीगंज : अनुमंडल क्षेत्र के बिहारीगंज प्रखंड मुख्यालय को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने का प्रस्ताव नगर विकास विभाग पटना को भेजा गया है. इससे मुख्यालय वासियों में खुशी देखी जा रही है. लोगों को अब लगता है कि बिहारीगंज का गौरवशाली अतीत लौटने वाला है और अब नगर पंचायत का दर्जा मिलने पर […]

उदाकिशुनगंज/बिहारीगंज : अनुमंडल क्षेत्र के बिहारीगंज प्रखंड मुख्यालय को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने का प्रस्ताव नगर विकास विभाग पटना को भेजा गया है. इससे मुख्यालय वासियों में खुशी देखी जा रही है. लोगों को अब लगता है कि बिहारीगंज का गौरवशाली अतीत लौटने वाला है और अब नगर पंचायत का दर्जा मिलने पर क्षेत्र का विकास होगा.

नगर वासियों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होगी. चूंकि पूर्व में भी यह अधि सूचित क्षेत्र समिति था. एसडीओ ने किया प्रस्ताव तैयार नगर विकास विभाग पटना के आदेश के आलोक में एसडीओ मुकेश कुमार प्रस्ताव तैयार कर डीएम के माध्यम से सरकार के पास नगर पंचायत का दर्जा देने का प्रस्ताव भेज दिया है. नगर पंचायत के दायरे में जिन गांवों को लिया गया है उसमें बिहारीगंज के अलावे किशनपुर, कुस्थन, बरेया व हथियौंदा गांव के कुछ भाग को शामिल किया गया.

हालांकि जग जाहिर है कि अधि सूचित क्षेत्र समिति था तब पूरा हथियौंदा गांव इसमें शामिल था. नगर पंचायत का प्रस्तावित जनसंख्या व क्षेत्रफल प्रस्तावित नगर पंचायत की जनसंख्या 23 हजार 110 होगी. जबकि 9.01 वर्ग किमी इसका क्षेत्र फल होगा. जिसमें गैर कृषकों की संख्या 92 प्रतिशत होगा. हालांकि जिस समय बिहारीगंज अधि सूचित क्षेत्र समिति था.

उस समय इसकी जनसंख्या 25 हजार के लगभग थी. चूंकि उस समय पूरा हथियौंदा गांव इसमें शामिल था. पूर्व में था अधि सूचित क्षेत्र 28 मार्च 1970 को बिहारीगंज को अधि सूचित क्षेत्र समिति का दर्जा दिया गया था. लेकिन राजनीतिक वर्चस्व को लेक र 14 जनवरी 1997 को इसे भंग कर ग्राम पंचायत बना दिया गया था.

जबकि अभी भी यहां के बिजली उपभोक्ताओं को शहरी दर पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है. इस तरह बिहारीगंज को प्राप्त गौरव को हीन विचारधारा की राजनीति करने वाले राजनेताओं ने समाप्त कर दिया था. लेकिन अब लगता है पुराने दिन लौटने वाले हैं. प्रस्ताव में दिये गये तर्क नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने का जो प्रस्ताव नगर विकास विभाग को समर्पित किया गया है.

उसमें तर्क दिया है कि बिहारीगंज में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, दो गैस एजेंसी, पेट्रोल पंप, स्टेट बैंक, सेंट्रल बैक, कोसी उत्तर बिहार बैंक, भूमि विकास बैक, जेनरल हाट, गुदरी हाट, मोबाइल के छह टावर, ऐसीआई, डिस्कोमान, कृषि उत्पादन बाजार समिति, सरसो तेल मिल, डाक घर, दो कॉलेज, चार हाईस्कूल, दो सिनेमा हॉल, आवासीय होटल, धर्म शाला जैसे अन्य सुविधाएं उपलब्ध है.

इस तरह अगर बिहारीगंज को नगर पंचायत का दर्जा मिल जाता है तो वास्तव में इस शहर का अपेक्षित विकास हो सकेगा. व्यवसाय के क्षेत्र में भी काफी तरक्की मिलेगी. हालांकि इसके लिए स्थानीय लोगों ने सरकार के पास कभी मांग भी नहीं रखे थे. लेकिन सरकार खुद बिहारीगंज के अतीत का गौरव शानदार तरीके से लौटाने के लिए आगे आई है.

वर्जन — नगर विकास विभाग पटना से इस तरह का प्रस्ताव मांगा गया था. इसका पक्का प्रारूप बना कर जिला पदाधिकारी के माध्यम से प्रस्ताव को विभागीय प्रधान सचिव के पास अग्रतर कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है.

बिहारीगंज नगर पंचायत के सभी मानदंडों को पूरा करता है. मुकेश कुमार, एसडीओ उदाकिशुनगंज, मधेपुरा.

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