पीयू का मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में – न पुराने में कुछ हुआ न नये प्लान के लिए ही हो रहा प्रयास – विवि प्रशासन की सुस्ती से लटका है मामला – कई योजनाएं हैं मास्टर प्लान के तहत लाइफ रिपोर्टर @ पटना पटना विश्वविद्यालय का मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में चला गया है. यह पहली बार नहीं है कि यह प्लान ठंडे बस्ते में गया है. पुराना प्लान बनने के बाद से आज तक उस पर कभी काम शुरू नहीं हो सका. जबकि इस बार नये प्लान के लिए भी सरकार से राशि की मांग विवि के द्वारा कर दी गयी है, लेकिन बिना कोई प्रॉपर प्रारूप बनाये. नये मास्टर प्लान को लेकर विवि में ना तो कोई प्रयास हो रहा है और न ही कोई सुगबुगाहट. वहीं सरकार को भी इसको लेकर बहुत कोई मतलब नहीं है. पुराने मास्टर प्लान को ही रिमॉडलाइज्ड करके नया प्लान बनाना था. पुराने मास्टर प्लान के तहत विवि में कई ऐसी योजनाएं थी जो आज तक पूरी नहीं हो सकीं. अधूरी रह जाती हैं योजनाएंपटना विश्वविद्यालय में योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जाता. समस्या यह है कि उन योजनाओं को लेकर विवि स्वयं भी गंभीर नहीं है. पूर्व कुलपति प्रो श्यामलाल के समय ही विवि में मास्टर प्लान के तहत कई तरह की योजनाएं बनायी गयी थीं. जिसमें विवि मुख्यालय से लेकर सैदपुर कैंपस तक में कई नये भवनों के निर्माण की योजना था. इसके तहत ही पीयू के डीडीइ और वाणिज्य कॉलेज को सैदपुर में जमीन देने और उस पर भवन बनाया जाना था. इसी प्रकार से छात्रों के लिए स्टूडेंट्स फेलिसिटेशन सेंटर और कर्मचारियों के लिए क्वार्टर भी बनाया जाना था. सैदपुर कैंपस को भी एकेडमिक हब बनाने की बात थी. एकेडमिक स्टाफ कॉलेज तो बनना भी शुरू हुआ था लेकिन आज तक उसका निर्माण पूरा नहीं हो सका जबकि उस पर लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन उसके एक फ्लोर का भी काम अब तक नहीं हुआ. इसी प्रकार कुछ पीजी विभागों के लिए भी नये भवन बनाये जाने थे. बनानी थी रूपरेखानये प्लान के तहत पुरान प्लान को ही नये तरह से रिमॉडलाइज्ड करने की योजना थी. जिसके तहत कुछ नये आॅडिटोरियम, स्पोट्स कॉम्पलेक्स, कैंपस में ही कर्मचारियों के बच्चों के लिए स्कूल, लैब, वोकेशनल कोर्स के लिए भवन समेत कई नये भवन को बनाने को लेकर रूपरेखा तैयार करनी थी. अतिक्रमित जमीन जिसे खाली कराया गया है उस पर और अन्य खाली जमीनों पर इसे करने की नई योजना तैयार करनी थी जो अब तक नहीं हो सका. सरकार से तो पैसे की मांग विवि के द्वारा मास्टर प्लान के तहत कर दी गयी, लेकिन वास्तव में कोई ठोस नया प्रारूप पीयू के पास है ही नहीं. शायद यही वजह है कि सरकार भी इसे गंभीरता से नहीं ले रही है. इसकी एक वजह यह भी है कि पीयू में जो पुराने काम शुरू हुए थे वह भी अब तक पूरे नहीं हो पाये हैं. ठेकेदारों को अब तक उनके पैसे नहीं मिले हैं इस वजह से नया काम भी कोई ठेकेदार लेने को तैयार नहीं है. पुराने प्लान से इतर नया मास्टर प्लान तैयार किया जाना था, लेकिन फिलहाल इस दिशा में कुछ नहीं हुआ है. इसकी कई वजहें हैं. विवि में हड़ताल, फिर चुनाव और दूसरे अन्य व्यस्तताओं की वजह से भी इस ओर अभी ध्यान नहीं दिया जा सका है. इस संबंध में मैं जल्द ही प्रयास करूंगा. मास्टर प्लान के लिए मेरा भी एक अलग विजन है अगर वह पूरा होता है तो पीयू का नक्शा ही बदल जायेगा. उम्मीद करते हैं जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जायेगा. प्रो आरके वर्मा, प्रतिकुलपति, पीयूपुराने मास्टर प्लान की योजनाएं 1. डीडीइ के लिए नया भवन 2. वाणिज्य कॉलेज को अपने भवन में शिफ्ट करना 3. सैदपुर को शैक्षणिक हब में तब्दील करना 4. पीजी के विभागों के लिए नया भवन 5. एकेडमिक स्टाफ काॅलेज 6. स्टूडेंट्स फेलिसिटेशन सेंटर 7. चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के लिए क्वार्टर निर्माण
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पीयू का मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में
पीयू का मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में – न पुराने में कुछ हुआ न नये प्लान के लिए ही हो रहा प्रयास – विवि प्रशासन की सुस्ती से लटका है मामला – कई योजनाएं हैं मास्टर प्लान के तहत लाइफ रिपोर्टर @ पटना पटना विश्वविद्यालय का मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में चला गया है. यह […]
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