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केजरीवाल ने दी केंद्र को धमकी कहा, जनलोकपाल पास नहीं हुआ तो उंगली टेढ़ी करनी होगी

नयी दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में जनलोपाल पर चर्चा के बाद आज बिल पास कर दिया गया.दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजीवाल ने आज विधानसभा में अपने और अपनी पार्टी के ऊपर लगे रहे आरोपों काजवाब दिया. अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल समेत विधायकों की सैलरी पर उठ रहे सवालों के जवाब तो दिये लेकिन एक ऐसा […]

नयी दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में जनलोपाल पर चर्चा के बाद आज बिल पास कर दिया गया.दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजीवाल ने आज विधानसभा में अपने और अपनी पार्टी के ऊपर लगे रहे आरोपों काजवाब दिया. अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल समेत विधायकों की सैलरी पर उठ रहे सवालों के जवाब तो दिये लेकिन एक ऐसा उदाहरण दे दिया जिसे लेकर भाजपा विधायकों ने भी आपत्ति जतायी. उन्होंने जनलोकपाल की खूबियां गिनाते- गिनाते कहा कि अगर आज प्रधानमंत्री हत्या कर देते हैं ,तो एक दरोगा भी उन्हें गिरफ्तार कर सकता है लेकिन भष्टाचार के मामले में दरोगा नहीं चलेगा क्यों?. हालांकि विरोध के बाद उन्होंने यह कहा कि यह मजाकिया लहजे में कहा गया है.

केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल पास करने को लेकर भी केंद्र को धमकाते हुए कहा कि आप इसे पास कर दीजिए नहीं तो हमें उंगली टेढ़ी करनी होगी. विधानसभा में केजरीवाल ने यह भी कहा कि जनलोकपाल के बगैर कैसे उनकी पार्टी ईमानदारी से काम कर रही है और अपने विधायक और मंत्रियों पर भी पूरी नजर रख रही है. जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखा रही है.

49 दिनों के कार्यकाल को याद किया
अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली विधानसभा में कई मुद्दों पर बोले. उन्होंने याद किया कि कैसे पहले कार्यकाल के दौरान 49 दिनों में दिल्ली में भ्रष्टाचार कम हो गया था. उन्होंने कहा , हमने उसी दौरान बिजली कंपनी के ऑडिट का आदेश दिया था और देश के सबसे बड़े उद्योगपति के खिलाफ अपनी आवाज मुखर की और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था. बिजली कंपनी के ऑडिट का जवाब आ गया. अगर उसे आप पढ़ेंगे तो उसमें हजारों करोड़े के घोटाले का राज है. केजरीवाल ने कहा किसी राज्य ने भी अपनी राज्य की बिजली कंपनी का ऑडिट नहीं कराया. हमने पहले भी ईमानदारी से काम किया और अब भी कर रहे हैं.
विधायकों की सैलरी पर सफाई
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, विधायकों की सैलरी बढ़ने पर बहुत आरोप लगे. टीवी वालों ने बहुत सवाल खड़ा किया. मैं उनसे यह कहना चाहता हूं कि आपके एंकर, संपादक से कम सैलरी हमें मिलती है. आपके मालिकों से बहुत कम है हमारी सैलरी. आपके कोट और टाई में महीने में जितना खर्च होता होगा उससे भी कम हमारी सैलरी है.
एक हुनरमंद रोजगार करने वाले व्यक्ति की सैलरी 13 हजार रुपये होती है और विधायकों की सैलरी 12 हजार रुपये थी. अरविंद केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार से अपना गुजारा करते हैं उन्हें तो यह सैलरी भी नहीं चाहिए वह काम चला लेते हैं लेकिन हम ईमानदार है हमें काम करने के लिए पैसे भी चाहिए और मौका भी चाहिए. हम उन्हें दोनो मुहैया करा रहे हैं इसके बाद भी अगर काम में कमी होगी तो सवाल करेंगे. अरविंद केजरीवाल ने यहां प्रधानमंत्री की सैलरी पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनकी सैलरी अगर कम है तो उनकी भी सैलरी बढ़नी चाहिए. कम से कम प्रधानमंत्री का वेतन तो 8 से 10 लाख रुपये होना चाहिए. मजाकिया लहजे में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा उनसे उनका वेतन पूछेगे तो यह बताने में अच्छा नहीं लगेगा कि एक लाख रुपये हैं.
लोकपाल पर सफाई
अरविंद केजरीवाल ने लोकपाल पर उठ रहे कई सवालों का जवाब दिया उन्होंने कहा, हमने इस बिल को अन्ना हजारे से राय लेकर बनाया है उन्होंने जो भी कहा हमने इसमें डाल दिया. उनसे सुबह भी बातचीत हुई और उन्होंने कहा कि इस बिल को लाकर पूरे देश को एक मजबूत हथियार देना है. इसके बाद दूसरे राज्यों में भी घुमकर इसके लिए प्रयास करना है. अरविंद केजरीवाल ने इसके दायरे में कौन कौन आयेगा उस पर भी विधानसभा में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि संविधान हमें शक्ति देता है कि हम अपने राज्य में भ्रष्टाचार विरोधी माहौल बना सकें.
उन्होंने अपनी बात रखते हुए एक ऐसा उदाहरण दिया जिसका विरोध भाजपा विधायकों ने भी जताया उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री हत्या करता है तो उन्हें एक दरोगा भी गिरफ्तार कर सकता है लेकिन अगर भ्रष्टाचार करता है तो दरोगा नहीं चलेगा क्यों ? क्योंकि उन्हें पता है कि भ्रष्टाचार तो करना है. हमें यही व्यवस्था खत्म करनी है. हमने इसमें कई ऐसे नियम बनाये हैं जिससे भ्रष्टाचार की कमर टूटेगी. इसमें प्रावधान है कि जांच और मुकदमा छह महीने के अंदर खत्म होना चाहिए. हमने 2 जी समेत कई ऐसे मामलों में देखा है, जांच में कई साल लग जाते हैं.
कई अपराधी मर जाते हैं फिर भी जांच चलती रहती है. हमने जनलोकपाल बिल में सजा भी बढ़ा दी है 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, इसमें यह भी प्रावधान है कि हर अफसर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देगा. हर साल उन्हें यह इसकी जानकारी देनी होगी नहीं देने पर उनकी सैलरी रोक दी जायेगी. यह बहुत ही सख्त कानून है लेकिन विरोधी कह रहे हैं बहुत हल्का कानून है. मैं उन्हें यह कहना चाहता हूं अगर जनलोकपाल बिल कमजोर है, तो पास कर दीजिए. केजरीवाल ने अंत में केंद्र को यह भी कहकर चुनौती दे दी कि यह कानून आपको पास करना होगा. अगर पास नहीं केरेंगे तो उंगली टेढ़ी करनी होगी.

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