इस दौरान जगतपुर से तेतरी जीरोमाइल तक खड़े सभी ट्रकों के शीशे और हेड लाइट फोड़ डाले. आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रक चालकों को भी जम कर पीटा, जिससे दो दर्जन से अधिक चालक व सहचालक घायल हो गये. दोपहर बाद नवगछिया के वरीय पुलिस पदाधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया. इसके बाद तोड़फोड़ व मारपीट किये जाने के विरोध में ट्रक चालकों ने जगतपुर स्थित होटल वैभव के पास विक्रमशिला पहुंच पथ को जाम कर दिया.
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हादसे में वृद्ध की मौत, जाम, उपद्रव
भागलपुर : परवत्ता थाना क्षेत्र के जगतपुर गांव के पास विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ पर एक ट्रक की चपेट में आने से नि:शक्त वृद्ध नागेश्वर यादव (60) की मौत हो गयी. हादसे के बाद ट्रक का चालक व खलासी भाग निकले. वृद्ध की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने जगतपुर के पास सेतु पथ जाम कर […]
भागलपुर : परवत्ता थाना क्षेत्र के जगतपुर गांव के पास विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ पर एक ट्रक की चपेट में आने से नि:शक्त वृद्ध नागेश्वर यादव (60) की मौत हो गयी. हादसे के बाद ट्रक का चालक व खलासी भाग निकले. वृद्ध की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने जगतपुर के पास सेतु पथ जाम कर दिया.
इससे पूरा पुल जाम हो गया. भागलपुर शहर से नवगछिया की ओर जानेवाले लोग भी देर शाम तक जाम में फंसे रहे. नवगछिया के एसडीओ ई अखिलेश कुमार, एसडीपीओ मुकुल कुमार रंजन के आश्वासन के बाद चालकों ने जाम हटाया. उपद्रव में लाखों रुपये की क्षति होने की बात कही जा रही है.
सुबह सात बजे से देर रात तक लगी रही वाहनों की कतार
विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ को आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा जाम कर दिये जाने के बाद सुबह सात बजे से देर रात तक विक्रमशिला सेतु सहित पूरा पहुंच पथ जाम था. वाहनों की लंबी कतार एक तरफ कटिहार, तो दूसरी तरफ खगड़िया जिले की सीमा तक पहुंच गयी थी. इधर, भागलपुर शहर के जीरोमाइल तक जाम रहा. देर रात भी वाहन चालकों को जाम से मुक्ति नहीं मिल पायी थी. हालांकि शाम चार बजे तक ग्रामीणों व चालक द्वारा किया गया जाम हटा दिया गया था.
सड़क पार करने के दौरान हुआ हदसा
सुबह करीब साढ़े सात बजे जगतपुर गांव निवासी नागेश्वर यादव अपने घर से बासा के लिए निकला था. इसी दौरान वह नवगछिया से आ रहे ट्रक की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. करीब डेढ़ बजे दिन में नागेश्वर यादव के शव को पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया. देर शाम तक शव परिजनों को सौंप दिया गया था. नागेश्वर अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था. तीन पुत्रियों व एक पुत्र के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उसी पर थी. नागेश्वर यादव की मौत से ग्रामीण आक्रोशित हो गये.
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