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अॉपरेशन ट्राइडेंट और पैथन से सहमी पाक सेना (फोटो वरुण कुमार)

अॉपरेशन ट्राइडेंट आैर पैथन से सहमी पाक सेना (फाेटाे वरुण कुमार)-नाै सेना दिवस आज : 13 अधिकारियाें आैर 176 सैनिकाें काे शत-शत नमन तीन दिसंबर 1971 की रात भारत से जंग का एलान करने वाले पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं साेचा हाेगा कि इस युद्ध से उसकी हसरतें मिट्टी में मिल जायेगी. इस युद्ध […]

अॉपरेशन ट्राइडेंट आैर पैथन से सहमी पाक सेना (फाेटाे वरुण कुमार)-नाै सेना दिवस आज : 13 अधिकारियाें आैर 176 सैनिकाें काे शत-शत नमन तीन दिसंबर 1971 की रात भारत से जंग का एलान करने वाले पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं साेचा हाेगा कि इस युद्ध से उसकी हसरतें मिट्टी में मिल जायेगी. इस युद्ध में भारतीय नाै सेना ने जिस शाैर्य, साहस आैर रणनीति काे अंजाम दिया, वह अविस्मरणनीय रही. नाै सेना दिवस है सिर्फ खुकरी के तमाम वीर शहीदाें काे नमन करने का ही नहीं बल्कि उन नाै सैनिकाें आैर उनके माता-पिता काे नमन करने का दिन है. युद्ध के आरंभ में पाकिस्तान ने अपनी रणनीति काे यादगार बनाने के इरादे से आगे बढ़ने की हिमाकत की लेकिन एडमिरल एसएम नंदा आैर एडमिरल हीरनानंदनी ने अपनी रणनीति काे बदले हुए आेपीएस ट्राइडेंट के तहत आक्रामक नीति बनाते हुए पाक सेना पर प्रहार कर विद्युत क्लास के जहाजाें काे आगे बढ़ाया. इन जहाजाें काे सरफेस टू सरफेस मिसाइलाें से लैस किया गया था, जिनकी रेंज 40 एन माइल थी. नाैसेना मुख्यालय ने कहा कि वक्त आ गया है कि पूर्वी नाैसेना कमान अपने शाैर्य का परिचय दे. इसकी जिम्मेदारी कमांडिग अधिकारी बबरु मान यादव के नेतृत्व में साैंपी गयी. इसमें जहाज निपत, निर्घट, वीर, किल्तान आैर कच्छल पाकिस्तानी वायु सेना के रेंज काे चकमा देते हुए कराची बंदरगाह पर हमारे तीन युद्धपाेत पहुंच गये. रात के डेढ़ बजे हाेंगे, पाकिस्तानी जहाज खैबर काे आइएनएस निर्घट ने सर्च करते ही मिसाइल दाग दी, इसके बाद काेहराम मच गया. धुएं की लपटाें के बीच डूबते हुए पाक पाेत ने मुख्यालय खबर भेजी कि दुश्मन ने हवाई हमला कर जहाज काे धवस्त कर दिया है. एक के बाद एक पाक की कई नाैकाआें आैर तेल टैंकराें काे ध्वस्त हाेते देखा गया. किसी युद्धपाेत द्वारा युद्ध क्षेत्र में मिसाइल द्वारा प्रथम प्रहार करने का गाैरव मिला. बाद में अक्षय आैर राजपूत ने आगे बढ़ते हुए अपने राडार पर पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनस गाजी को देखा. ताेपाें आैर डेफ्थ चार्जर की गड़गड़हाट हुई आैर 1964 में अमेरिका से खरीदी गयी गाजी समुद्र के आगाेश में समा गयी. इसी बीच आइएनएस खुकरी पाकिस्तानी युद्धपाेत के प्रहार से आहत हाे गयी, जिसमें 18 अधिकारी आैर 176 नाै सैनिक सवार थे. कमांडिंग अधिकारी महेंद्रनाथ मुल्ला ने सैन्य परंपरा का निर्वाह करते हुए शाैर्य साहस की मिसाल पेश की आैर स्वयं काे युद्धपाेत के साथ आत्मसात कर लिया. तमाम वीर शहीदाें काे पूर्व सैनिक सेवा परिषद की तरफ से देशभक्ति की मिसाल कायम करनेवालाें काे शत-शत नमन. लेकिन 8-9 दिसंबर की शाम आेपीएस पैयथन की नयी युद्धनीति के साथ भारतीय नाै सेना एक नयी रचना करते हुए आएनएस विनाश काे आइएनएस तलवार आैर त्रिशूल के साथ रवाना किया, जिसने पीएनएस डक्का जिसे ब्रिटेन से खरीदा गया था, काे गहरा पहुंचते हुए तबाह कर दिया. वरुण कुमारपेटी अॉफिसर इंडियन नेवी

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