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दरी पर बैठ दी परीक्षा

दरी पर बैठ दी परीक्षास्नातक पार्ट थ्री. बरामदे व जमीन बैठ कर अफरातफरी के बीच हुआ एग्जाम कदाचार के लिए प्रयासरत दिखे परीक्षार्थीजिसे जहां जगह मिली, वहीं बैठ कर दी परीक्षाक्षमता से तीन गुणा अधिक संख्या में दिखे परीक्षार्थीनोट: फोटो मेल से भेजा गया है. संवाददाता, दिघवारास्थानीय यदुनंदन कॉलेज परिसर में स्नातक पार्ट थ्री की […]

दरी पर बैठ दी परीक्षास्नातक पार्ट थ्री. बरामदे व जमीन बैठ कर अफरातफरी के बीच हुआ एग्जाम कदाचार के लिए प्रयासरत दिखे परीक्षार्थीजिसे जहां जगह मिली, वहीं बैठ कर दी परीक्षाक्षमता से तीन गुणा अधिक संख्या में दिखे परीक्षार्थीनोट: फोटो मेल से भेजा गया है. संवाददाता, दिघवारास्थानीय यदुनंदन कॉलेज परिसर में स्नातक पार्ट थ्री की परीक्षा गुरुवार को अफरातफरी के माहौल में हुई. इस परीक्षा में परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र से ज्यादा जगह की कमी ने रूलाया. कला संकाय के लगभग 1600 परीक्षार्थियों ने सहयोगात्मक व्यवहार के साथ जीइएस विषय की परीक्षा दी. कई जगहों पर परीक्षार्थी कदाचार की गंगा में डुबकी लगाने को प्रयासरत दिखे. हालांकि, पूरी परीक्षा अवधि के दरम्यान कदाचार के आरोप में एक भी परीक्षार्थी का निष्कासन नहीं हुआ. परीक्षा की जगह भोज की पंगत-सा दिखा नजारासुबह आठ बजे से ही केंद्र पर परीक्षार्थियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी. परीक्षा शुरू होने से पूर्व अफरातफरी का माहौल दिखा. हर परीक्षार्थी अपना रौल नंबर व परीक्षा हॉल खोजते नजर आया. इस काम में कई परीक्षार्थियों के परिजनों ने सहयोग दिया. सुबह नौ बजे से परीक्षा शुरू हुई. कला संकाय ब्लॉक में लगभग 601 परीक्षार्थी बेंच पर बैठ कर परीक्षा में सम्मिलित हुए. वहीं, साइंस ब्लॉक एवं गर्ल्स होस्टल ब्लॉक में लगभग 993 परीक्षार्थियों ने जमीन व बरामदे पर दरी पर बैठ कर प्रश्न पत्र को हल किया. जिसे जहां जगह मिली, वहीं बैठ कर प्रश्न पत्र को हल करने में मशगूल दिखा. किस्मत बनाने व स्नातक की डिग्री पाने के लिए जमीन पर बैठनेवाले किसी भी परीक्षार्थी ने कुव्यवस्था को लेकर कोई आवाज नहीं उठायी. कॉलेज में लगभग 1594 परीक्षार्थी गुरुवार की परीक्षा में सम्मिलित हुए, जो कॉलेज की क्षमता से तीन गुणा अधिक था. ऐसी स्थिति में कुव्यवस्था का आलम दिखना लाजिमी था. प्रतिनियोजित 40 शिक्षकों ने लगायी ड्यूटीकॉलेज में कर्मचारियों की ड्यूटी को देखते हुए वीक्षण कार्य में अंचल के प्रारंभिक विद्यालयों के 40 शिक्षकों को प्रतिनियोजित किया गया था. गुरुवार को सभी प्रतिनियोजित शिक्षकों व कॉलेज कर्मियों ने परीक्षार्थियों को नियंत्रित करने व कदाचार पर लगाम लगाने की हरसंभव कोशिश की. मगर, परीक्षार्थियों की अप्रत्याशित संख्या के आगे हर कोई बेबस दिखा. प्राचार्य व ऑब्जर्वर दिखे सक्रियपरीक्षा को कदाचारमुक्त माहौल में कराने के लिए केंद्राधीक्षक सह प्राचार्य डॉ प्रो. अरुण कुमार सिंह व आॅब्जर्वर संजय कुमार, परीक्षा अवधि पर सक्रिय दिखे. मगर परीक्षार्थियों के बीच तीन घंटे तक लुका-छिपी का खेल जारी रहा.आज परीक्षा में शामिल होंगे लगभग 2000 परीक्षार्थी शुक्रवार को विज्ञान व कॉमर्स के लगभग 2000 परीक्षार्थी जीइएस की परीक्षा देंगे. लिहाजा गुरुवार की तरह शुक्रवार को भी अफरातफरी-सा माहौल रहने का पूरी आशंका है.अंधे भाई का सहारा बनी रानीपरीक्षा केंद्र के हॉल नंबर आठ में हर परीक्षार्थी की नजर भाई-बहन को देख रही थी. पीआर कॉलेज, सोनपुर से इतिहास प्रतिष्ठा विषय के छात्र व सोनपुर के साहपुर निवासी उपेंद्र नाथ सिंह के पुत्र राकेश कुमार अंधापन का शिकार होने के चलते राइटर के तौर पर अपनी छोटी बहन रानी को लेकर आया था. हर कोई बहन के इस सहयोगी कदम की सराहना करते दिखा. अंदर परीक्षार्थियों की परीक्षा, तो बाहर रिश्तेदार दे रहे थे एग्जाम (बॉक्स के लिए1) दिघवारा. स्थानीय यदुनंदन कॉलज परिसर में गुरुवार को एक साथ कई जगहों पर परीक्षा-सा नजारा दिखा. परीक्षा हॉल के अंदर परीक्षार्थियों ने जीइएस विषय की परीक्षा दी, तो बाहर में रिश्तेदारों की अग्निपरीक्षा हुई. कॉलेज कैंपस की चारों ओर सैकड़ों जगहों पर सैकड़ों परिजन नन्हें-मुन्ने बच्चों को संभालते नजर आये. परीक्षा शुरू होने से पूर्व परीक्षार्थी बनीं माताओं ने अपने बच्चों को दुलार-प्यार कर शांत रहने व रिश्तेदार को परेशान नहीं करने की नसीहत दी. वहीं, लगभग तीन घंटे तक चले एग्जाम पेपर के दरम्यान नन्हें बच्चों को संभालने में परिजनों को ठंड के मौसम में भी पसीने छूटते नजर आये.

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