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दिसंबर में गरमी ने बदल दिया काम का तरीका

दिसंबर में गरमी ने बदल दिया काम का तरीका दीपक राव, भागलपुरनवंबर बीत चुका है. अभी भी लोगों को दिन में गरमी लगती है. मौसम के इस करवट ने परेशानी बढ़ा दिया है. चाहे घर हो, बाजार हो, होटल हो, स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो या खेती हो, हर जगह काम का तरीका बदलने को लोग […]

दिसंबर में गरमी ने बदल दिया काम का तरीका दीपक राव, भागलपुरनवंबर बीत चुका है. अभी भी लोगों को दिन में गरमी लगती है. मौसम के इस करवट ने परेशानी बढ़ा दिया है. चाहे घर हो, बाजार हो, होटल हो, स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो या खेती हो, हर जगह काम का तरीका बदलने को लोग मजबूर हो रहे हैं. इस बार उलेन कारोबारियों का पिछले वर्ष से 30 से 40 फीसदी तक कारोबार प्रभावित हुआ तो होटल कारोबारियों को रेस्टोरेंट में मेन्यू बदलने में दिक्कतें आ रही हैं. इधर मौसम वैज्ञानिक का कहना रबी फसल की उपज प्रभावित हो सकती है. चिकित्सकों का कहना है ऐसे में सांस की बीमारी अधिक हो रही है. कई चीजों के कारोबार पर भी मौसम की मार का असर पड़ा है. 40 फीसदी तक कारोबार प्रभावित टेक्सटाइल चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व थोक कपड़ा कारोबारी श्रवण बाजोरिया ने बताया कि अक्तूबर के आखिरी सप्ताह से ही गरम कपड़े का कारोबार शुरू हो जाता है. इस बार ठंड का मौसम देरी से शुरू होने के कारण गरम कपड़े का कारोबार मंदा हो गया है. इस कारण 30 से 40 फीसदी तक कारोबार प्रभावित हुआ है. पिछले वर्ष जहां अब तक चार से पांच करोड़ का कारोबार हो चुका था, इस बार तीन करोड़ का कारोबार भी ठीक से नहीं हुआ है. सेल लगाने वाले उलेन कारोबारी मो शमशाद ने बताया कि ठंड कम पड़ने के कारण 30 फीसदी तक कारोबार प्रभावित हुआ है, जबकि पिछले वर्ष से सभी तरह के उलेन आइटम पर ऑफर व छूट दिये गये हैं. पिछले वर्ष ठंड के दिनों में 15 लाख से अधिक कारोबार हो गया था, लेकिन इस बार नौ से 10 लाख के लक्ष्य को पार करना मुश्किल लग रहा है. मेन्यू बदलने में आ रही दिक्कतें रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार ठंड कम होने से मेन्यू में बदलाव करने में दिक्कतें आ रही है. ठंड नहीं बढ़ने पर कारोबार भी मंदा है. हालांकि ग्राहकों की पसंद का पूरा-पूरा ख्याल रखा जा रहा है. रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है ठंड को देखते हुए बिरयानी, सूप, अंडे के आइटम की मांग बढ़ जाती है. पिछले वर्ष की तुलना में इन चीजों की मांग कम ही है. तिलकुट कारोबार पर असर तिलकुट कारोबारी संजय कुमार ने बताया वह कई वर्षों से इनारा चौक पर ठंड के दिनों में तिलकुट का स्टॉल लगाते आ रहे हैं. इस बार भी अपना स्टॉल लगाया है. इस बार तिलकुट बाजार पर महंगाई मौसम की मार पड़ सकती है. इससे उनके कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ा है. पिछले वर्ष इस समय तिलकुट बिक्री ने जोर पकड़ लिया था. तिल का रेट घटा है, साथ ही चीनी व गुड़ के भाव भी नहीं चढ़े हैं. इससे तिलकुट बाजार पर महंगाई का असर नहीं है. इसलिए पिछले वर्ष का ही भाव 180 से 240 तक के तिलकुट अलग-अलग आइटम में उपलब्ध है. रबी फसल के उत्पादन पर पड़ सकता है असरमौसम विशेषज्ञ बताते हैं 15 से 20 नवंबर के बीच रबी फसल की बुआई का उपयुक्त समय है. तापमान औसतन 15 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच हो तो बेहतर. जबकि अभी अधिकतम 27 से 28 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम 13-14 डिग्री सेल्सियस तापमान है. कोट:::सांस के रोगी रहें सतर्कशरद ऋतु में गरमी पड़ने से मनुष्य के शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ऐसा होने पर सिरदर्द, तनाव, नाक से पानी, ब्रांकाइटिस, राइनाटिस का लक्षण दिखने लगता है. आदमी सुस्त व बीमार पड़ जाता है. काम करने में सुस्ती रहती है. जो दमा की बीमारी से ग्रसित रहते हैं, उसमें लक्षण तीव्र हो जाता है. इस तरह का प्रभाव प्रदूषण की वजह से हो रहा है. सावधानी के लिए सुबह व शाम को गरम कपड़ा जरूर पहनना चाहिए. स्नान करने में हल्का गरम पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. बीमार लोगों को चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही दवा लेनी चाहिए. डॉ कपिल कुमार सिंह, फिजिशियन सह सहायक प्राध्यापक, जेएलएनएमसीएच

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