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कुचायकोट अस्पताल में दूसरे दिन भी लटका रहा ताला

कुचायकोट : सड़क हादसे में दो युवकों की मौत के बाद उग्र भीड़ के द्वारा कुचायकोट अस्पताल में प्रभारी डॉ ओपी लाल के आवास पर किये गये हमला और बेरहमी से पिटाई के विरोध में अस्पताल में दूसरे दिन भी ताला लटका रहा. जहां डॉक्टर खौफ के बीच हड़ताल पर रहे, वही पूरे दिन कर्मी […]

कुचायकोट : सड़क हादसे में दो युवकों की मौत के बाद उग्र भीड़ के द्वारा कुचायकोट अस्पताल में प्रभारी डॉ ओपी लाल के आवास पर किये गये हमला और बेरहमी से पिटाई के विरोध में अस्पताल में दूसरे दिन भी ताला लटका रहा. जहां डॉक्टर खौफ के बीच हड़ताल पर रहे, वही पूरे दिन कर्मी सहमे रहे.

अस्पताल में चारों सन्नाटा पसरा रहा. अस्पताल के बाहर कुरसी लगा कर कुछ कर्मी बैठे थे. इलाज कराने आनेवाले मरीजों को लौटा दिया जा रहा था. डॉक्टरों के संघ ने सिर्फ ओपीडी में हड़ताल की घोषणा करते हुए इमरजेंसी में इलाज करने का निर्णय लिया था. इमरजेंसी के मरीजों को भी नहीं देखा गया. अस्पताल में भरती मरीजों को कल ही लौटा दिया गया था. अस्पताल की बढ़ायी गयी सुरक्षाजिला प्रशासन ने कुचायकोट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी है.

पुलिस कप्तान निताशा गुड़िया के आदेश पर चार एक का पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा कुचायकोट थाने को निर्देश दिया गया है कि वे हर घंटे अस्पताल में गश्ती करें और सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम करें. अस्पताल में जवानों ने पहुंच कर सुरक्षा की कमान संभाल ली है. थानाध्यक्ष अशोक कुमार राय खुद सुरक्षा की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. यहां आने-जाने वाले एक-एक लोग पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है.

उग्र भीड़ ने अस्पताल में भी की थी तोड़फोड़फोटो-16कुचायकोट अस्पताल में पोलियाे वैक्सीन का डिब्बा जहां-तहां बिखरा हुआ था. अस्पताल के कई बेंच भी जहां – तहां फेंके हुए थे. अस्पताल में चारों तरफ टूटे-फूटे सामान बिखरे हुए थे. अस्पताल के प्रधान सहायक रामानंद सिंह की मानें, तो अस्पताल में डॉक्टर बीके सिंह की ड्यूटी थी. भीड़ जब अस्पताल में पहुंची, तो कंपाउंडर बनारस राय को पीटने लगे. यह देख डॉक्टर बीके सिंह ने भाग कर जान बचायी.

यहां तक की भीड़ ने गेट खोलने तक का मौका नहीं दिया. डॉक्टर की घड़ी, सोने की चेन सब उपद्रवियों ने लूट ली. उनके निजी कंपाउंडरों को भी पीटा गया. हाइवे जाम करनेवालों पर दर्ज होगी प्राथमिकीगोपालगंज. एनएच-28 भटवा मोड़ पर चार घंटे तक जाम करने के मामले को गंभीरता से लेकर डीएम राहुल कुमार ने उग्र भीड़ पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. डीएम ने कहा है कि घटना के बाद अपनी मांग को शांतिपूर्ण तरीके से वरीय अधिकारियों के पास रखा जा सकता था.

लेकिन, भीड़ ने कानून को अपने हाथों में लिया और नेशनल हाइवे को जाम कर घंटों आवागमन को बाधित किया. विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय हजारों यात्री और वाहन चालकों को मुश्किल का सामना करना पड़ा. कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई. डीएम ने कहा कि पूरे मामले में प्राथमिकी दर्ज कर उपद्रवियों की पहचान कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

आयुष डॉक्टरों ने की घटना की निंदाकुचायकोट के प्रभारी डॉक्टर पर मारपीट की घटना को आयुष चिकित्सकों ने घोर निंदा की है. आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोशिएसन की तरफ से जिला प्रशासन से मांग की गयी है कि संविदा पर कार्यरत आयुष चिकित्सकों की ड्यूटी इमरजेंसी में नहीं ली जाये, क्योकि आयुष डॉक्टरों ने आर्वेदिक, यूनानी, होमियोपौथ की पढ़ाई की है.

इमरजेंसी इलाज का इनके पास कोई अनुभव नहीं है. आयुष चिकित्सक से इमरजेंसी का काम कराया जाता है, जो विवाद का एक मुख्य कारण है. संघ ने मांग की है कि ऐसी घटना दुबारा न हो. अध्यक्ष श्रीकांत पाठक, उपाध्यक्ष एसएसएस कादरी, सचिव डॉ रणधीर कुमार सिंह, संयुक्त सचिव डॉ रविंद्र कुमार एवं डॉ लालजी प्रसाद आदि मौजूद थे.

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