बताया जाता है कि अश्विन चड्ढा कुछ माह पहले रांची आया था. वह अपना पता लोगों को कांके रोड बताता था. अश्विन ने करीब एक माह पूर्व कांके रोड स्थित एक कांप्लेक्स में कॉल सेंटर खोला था. उसने अपनी कंपनी में काम करने के लिए करीब 70 युवक- युवतियों को रखा था. अश्विन महंगी कार में घूमता था. वह लोगों को अपने बारे में बताता था कि वह पूर्व में विदेश में व्यवसाय करता था. वह रांची में भी बड़ा इन्वेस्टमेंट करने वाला है. वह अधिकांश समय किसी बड़े होटल में रहता था या होटल में मीटिंग के लिए लोगों को बुलाता था.
कुछ दिन पूर्व कोकर स्थित कार के शोरूम से कार खरीदने अश्विन पहुंचा. उसे 25 नवंबर की तिथि की पोस्टडेटेड चेक पर कार दे दी गया, लेकिन शोरूम के संचालक ने जब अश्विन चड्ढा को फोन किया, तब उसने 25 नवंबर को चेक डालने के बजाय बाद में चेक डाले को कहा.
अश्विन चड्ढा के जिस होटल में रहने की बात सामने आयी थी, जब उस होटल में शनिवार की सुबह शोरूम के कुछ लोग रुपये लेने पहुंचे, तब पता चला कि अश्विन ने करीब छह बजे ही होटल छोड़ दिया. तब कार शोरूम के संचालक मामले की जानकारी देने सदर थाने पहुंचे.
वहीं दूसरी ओर धोखाधड़ी के शिकार युवक- युवती और अन्य लोग अश्विन चड्ढा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने कोतवाली थाना पहुंचे. धोखाधड़ी के शिकार युवक- युवतियों ने बताया कि अश्विन प्रत्येक काम के लिए लोगों को पोस्टडेटेड चेक देता था. वह हमेशा करोड़ों रुपये की बात करता था. इस वजह से किसी को शक नहीं हुआ कि वह ठग है. इस वजह से लोग उसकी जाल में फंस गये. पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है. खबर लिखे जाने तक अश्विन चड्ढा के बारे पुलिस को विशेष जानकारी नहीं मिल सकी है.