सहरसा : नगरफिल्म तनु वेड्स मनु से सिल्वर स्क्रीन व बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार में बहार हो…नीतीशे कुमार हो जैसे चुनावी गीत लिखने के बाद सूबे के घर-घर में चर्चा में आये गीतकार राजशेखर व उनके शब्द किसी पहचान के मोहताज नहीं है. शनिवार को प्रभात खबर से हुई खास बातचीत में गीतकार राजशेखर ने बताया कि फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में उनकी शीघ्र ही इंट्री होगी.
ज्ञात हो कि राज पूर्व में आनंद रॉय व सुजॉय घोष जैसे फिल्मकारों को बतौर सहायक निर्देशक सहयोग कर चुके हैं. —थियेटर के प्रति है जुनून दिल्ली विश्वविद्यालय में नाटक लेखन के दौरान पहली बार हत्यारा नाटक से चर्चा में आये राज की प्रतिभा पहली बार लोगों के सामने आयी थी.
मधेपुरा सहित कोसी क्षेत्र में थियेटर को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित राज बताते है कि वर्कशॉप के जरिये नाटक को विस्तार दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नाटक किसी भी व्यक्ति को पूर्ण इनसान बनाता है. –बाल साहित्य से अभिरुचि गीतकार राजशेखर ने बताया कि बाल साहित्य के प्रति लगाव अब भी कायम है.
बीइंग ब्वॉयज, नुरुरु..व पांच बंदर जैसी कहानी व संग्रह प्रकाशित हो चुकी है. राज बताते हैं कि अंगरेजी में प्रख्यात लेखकों की बाल रचना को हिंदी में अनुवाद करने की भी मंशा रहती है. –पहले स्क्रप्टि फिर गीतराज बताते हैं कि फिल्मों में गीत लेखन से पहले स्क्रप्टि व परिस्थिति को जानना आवश्यक होता है. इसके अलावा फिल्मों के चरित्र भी गीत लेखन के समय जेहन में रहता है. उन्होंने बताया कि बिहार चुनाव में जब प्रशांत किशोर ने उनसे गीत लिखने के लिए संपर्क किया था.
उस समय अन्य कई राजनीतिक दलों ने भी संपर्क साधा था, लेकिन नीतीश की व्यक्तिगत छवि ने अन्य दलों के प्रचार अभियान से जुड़ने नहीं दिया.
बिजली बचत करने की अपीलराजशेखर बताते हैं कि बिजली बचत के प्रति बिहार के लोगों को गंभीर होना होगा. उन्होंने कहा कि बेवजह उर्जा का दुरुपयोग रोक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है. लोगों में पर्यावरण के प्रति भी जागरूकता जरूरी है. फोटो- राजशेखर 11- गीतकार राजशेखर