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प्रभात लाइव, :4:::: माओवादी कमांडर के गांव में बेखौफ वोटिंग

प्रभात लाइव, :4:::: माओवादी कमांडर के गांव में बेखौफ वोटिंग : नवप्राथमिक विद्यालय बटकुरी में बूथ नंबर 158 था.: एक घंटे तक पांच वोट पड़ा था, धीरे-धीरे वोट पड़ा.: बटकुरी गांव में रूक-रूक कर हुई 56 प्रतिशत वोटिंग: बटकुरी भाकपा माओवादी कमांडर खुदी का गांव है. 28 गुम 12 में वोट देने के लिए कतार […]

प्रभात लाइव, :4:::: माओवादी कमांडर के गांव में बेखौफ वोटिंग : नवप्राथमिक विद्यालय बटकुरी में बूथ नंबर 158 था.: एक घंटे तक पांच वोट पड़ा था, धीरे-धीरे वोट पड़ा.: बटकुरी गांव में रूक-रूक कर हुई 56 प्रतिशत वोटिंग: बटकुरी भाकपा माओवादी कमांडर खुदी का गांव है. 28 गुम 12 में वोट देने के लिए कतार पर खड़े वोटर.28 गुम 13 में बटकुरी स्कूल भवन जहां वोटिंग हुई.बटकुरी से लौटकर दुर्जय पासवानभरनो प्रखंड में बटकुरी गांव है. गुमला से 60 किमी दूर है. यह जंगली इलाका है. गांव तक जाने की सड़क खराब है. उबाड़-खाबड़ रास्ते से होकर बूथ तक पहुंचे. यहां गांव के नवप्राथमिक विद्यालय के भवन में बूथ नंबर 158 स्थापित किया गया था. पीठासीन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह थे और चार सहायक मतदानकर्मी थे. सुरक्षा में दो जवान तैनात थे. बटकुरी भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर खुदी मुंडा का गांव है. इस बूथ में वोटिंग कराना चुनौतीपूर्ण था. लेकिन यहां काफी हद तक अच्छी वोटिंग हुई है. बूथ में कुल वोटरों की संख्या 388 था. सात बजे मतदानकर्मी बूथ पहुंच गये थे. एक घंटे तक मतदानकर्मी बैठे रहे, परंतु मात्र पांच वोटर ही पहुंचे थे. आठ बजे के बाद छिटपुट वोटर घर से निकलना शुरू किये. दिन के 11.57 बजे तक 172 वोट पड़ा. नक्सली कमांडर का गांव होने के कारण लोग वोट देने से भी डर रहे थे. 12 बजे के बाद लगा कि इसके बाद वोट नहीं पड़ेगा. लेकिन पुन: साढ़े 12 बजे के बाद वोटरों का आना शुरू हुआ और तीन बजे तक 237 वोट पड़ा. पीठासीन पदाधिकारी ने बताया कि शांतिपूर्ण व स्वच्छ वातावरण में वोटिंग हुई है. कुल 56 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो इस बूथ के लिए अच्छा है. तीन बजे जैसे ही वोटिंग खत्म हुई, मतदानकर्मी अपना सामान समेट कर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वहां से कलस्टर के लिए निकल गये. इस बूथ की खासियत रही. नक्सली का गांव है. लेकिन यहां के लोगों ने मिशाल पेश किया. मतदानकर्मी व वोटरों के लिए बूट व चना की व्यवस्था की गयी थी. ग्रामीणों ने कहा : गांव में एक समिति बनी है. उसके माध्यम से चना व पानी बांटा गया. यहां सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मी थोड़े डरे थे. लेकिन उनसे बात करने पर कहा : कोई डर नहीं है. गांव के लोगों ने उन्हें कच्चा बादाम भी खाने के लिए दिया था. जिसे वे बांस की झाड़ी में टांग दिये थे. पुलिसकर्मी हर पांच से दस मिनट में गमच्छा में बांधकर रखे बादाम को निकालकर खा रहे थे. चुनाव करा रहे मतदानकर्मियों के चेहरे पर खुशी थी. उनसे पूछा गया कि कोई डर, तो कर्मियों ने कहा : सब ठीक चल रहा है. इस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी हर आधा घंटा में बूथ आकर वोटिंग की स्थिति की जानकारी ले रहे थे. डीसीएलआर ने भी इस बूथ का औचक निरीक्षण की. यहां नक्सली कमांडर का गांव होने के बाद भी बेखौफ वोटिंग का नजारा देखने को मिला.

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