उल्लेखनीय है कि आनंद ज्वेलर्स से 12,25,49,619 रुपये के जेवरात की चोरी के मामले में सुशील कुमार गुप्ता ने 15 अक्तूबर, 2013 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना के कुछ दिन बाद पुलिस को सूचना मिली कि चोरी के जेवरात दुकान की छत की पानी के टंकी में ही छिपा कर रखे गये हैं. इसके बाद पुलिस ने चांदी के कुछ जेवरात को छोड़ सभी टंकी से बरामद किये थे. जांच में तत्कालीन कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ट ने 10 नवंबर, 2014 को अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा था: चोरी की घटना सही है, लेकिन कुछ बिंदुओं पर जांच की आवश्यकता है.
सुपरविजन के दौरान पाया गया था कि चोरी हुई है, लेकिन हीरे और सोने के आभूषणों को अपराधकर्मियों द्वारा आनंद ज्वेलर्स दुकान के छत की पानी टंकी में छिपाये गये. कुछ सोने और चांदी के जेवरात चोर साथ ले गये. यह आशंका है कि बीमा भुगतान के लिए ज्यादा कीमत की चोरी तो नहीं दिखायी गयी थी. डीएसपी ने भी जांच रिपोर्ट में लिखा था कि चोरी की घटना को लेकर न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के तत्कालीन मंडल प्रबंधक प्रशांत मुखर्जी से बिंदुवार जवाब मांगा गया था. प्रशांत मुखर्जी ने भी दुकान की स्थिति और आभूषण को देखते हुए बताया था कि जेवरात का बीमा करीब 15 करोड़ रुपये का होगा.डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट में हिंदपीढ़ी पुलिस को चोरी की घटना में शामिल अज्ञात अपराधियों का पता लगाने के साथ-साथ दुकान मालिक की संलिप्तता के बारे पता लगाने निर्देश दिया था. इसके बावजूद पुलिस जांच पूरी नहीं कर सकी.