नयी दिल्ली : सरकार नेशुक्रवारको लोकसभा में आश्वासन दिया कि ‘सेक्युलर’ शब्द संविधान की प्रस्तावना में बना रहेगा और इसे संशोधित करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. डाॅ बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष में ‘संविधान के प्रति प्रतिबद्धता ‘ पर कल शुरु हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, सेक्युलर शब्द संविधान में था, संविधान में है और संविधान में रहेगा.
इस बारे में विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा, आज संविधान को कोई खतरा नहीं है, कोई गिरफ्तारियां : राजनीतिक नेताओं की : नहीं हो रही हैं , जजों के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं किया जा रहा है. हम सभी को संविधान को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा, सेक्युलरिजम हमारे दिल में है और यह हमारे दिल में रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने ‘‘छद्म धर्मनिरपेक्षों ‘ पर हमला बोलते हुए कहा कि जो जाति और सांप्रदायिक राजनीति करते हैं वे दूसरों को धर्मनिरपेक्षता विरोधी कहते हैं.
उल्लेखनीय है कि कल चर्चा की शुरुआत करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान में 42वें संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द जोड़े जाने पर सवाल उठाया था. आरक्षण पर छिड़ी बहस पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जब तक जरुरत है तब तक आरक्षण देगी. उन्होंने कहा, यह पार्टी का पक्ष है. संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का समर्थन करने के साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि यह इतना आसान नहीं है. उन्होंने माना कि इसे लेकर सत्ता पक्ष भी हिचक रहा है और विपक्ष भी हिचक रहा है. नायडू ने कहा कि हमें इस मुद्दे पर किसी नतीजे पर पहुंचना होगा और हमारी सरकार यह काम कर रही है.
समाज में कथित रुप से बढ़ते कट्टरपंथ के संबंध में नायडू ने कहा कि कुछ ऐसे तत्व किसी भी पार्टी में हो सकते हैं जिन्हें अलग थलग किए जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के बजाय सभी को न्याय दिलाने की भावना के साथ काम करना चाहिए. इससे पहले आज की कार्यवाही शुरु होने पर कांग्र्रेस सदस्यों ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्याओं की परिस्थितियों को लेकर कल सदन में केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें माफी मांगने को कहा.
इस पर गहलोत ने कहा कि अगर उनकी बातों से किसी की भावना आहत हुई है, चोट पहुंची है तब वह खेद प्रकट करते हैं. समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने संविधान में बार बार किये जा रहे संशोधनों को एक साजिश’ बताते हुए सरकार से यह स्पष्टीकरण देने की मांग की कि क्या वह आरक्षण के मामले में संविधान की समीक्षा करेगी जैसा कि आरएसएस प्रमुख ने मांग की है. उन्होंने यह संकल्प भी करने को कहा कि भविष्य में संविधान कोई संशोधन नहीं किया जायेगा.
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने कहा है कि आरक्षण समाप्त नहीं होगा लेकिन आरक्षण की समीक्षा या उस पर पुनर्विचार के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की है. उन्होंने कहा, क्या संविधान की समीक्षा होगी. आरक्षण की समीक्षा होगी. यह आरएसएस के एजेंडे में है, इसलिए प्रधानमंत्री को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने कहा, संविधान को बदलने की साजिश से हम सहमत नहीं है. यह संशोधन क्योंं किये गये. क्या…डा. अंबेडकर, जवाहर लाल नेहरु, राजेन्द्र बाबू से ज्यादा काबिल हैं लोग.