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नये मास्टर प्लान को सरकार ने दी मंजूरी

रांची: सरकार ने रांची के मास्टर प्लान 2037 को मंजूरी प्रदान कर दी़ मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया़ मास्टर प्लान में 2037 तक रांची की आबादी 31.58 लाख होने का अनुमान लगाया गया है़ मास्टर प्लान का दायरा 652.02 वर्ग किमी है. इसमें रिंग रोड के अंदर एक इनर […]

रांची: सरकार ने रांची के मास्टर प्लान 2037 को मंजूरी प्रदान कर दी़ मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया़ मास्टर प्लान में 2037 तक रांची की आबादी 31.58 लाख होने का अनुमान लगाया गया है़ मास्टर प्लान का दायरा 652.02 वर्ग किमी है. इसमें रिंग रोड के अंदर एक इनर रिंग रोड का प्रावधान किया गया है़ इनर रिंग रोड की चौड़ाई 150 फीट व लंबाई 51.93 किमी होगी. मास्टर प्लान में मोनो रेल के लिए भी प्रावधान किया गया है.
विभिन्न कार्यों के लिए भूमि चिह्नित : मास्टर प्लान में विभिन्न कार्यों के लिए भूमि चिह्नित की गयी है़ इसमें आवासीय परिसर के लिए 25 प्रतिशत, ग्रामीण बस्ती के लिए 9.57 प्रतिशत, उद्योग के लिए 4.07 प्रतिशत, मिश्रित क्षेत्र के लिए 4.38 प्रतिशत तय की गयी है.

इसके अलावा परिवहन क्षेत्र के िलए 5.44 प्रतिशत और डिफेंस के लिए 2.5 प्रतिशत निर्धारित है. इसी तरह कृषि, नदी, नाला, झील सहित अन्य के लिए भी भूमि निर्धारित है.

आरआरडीए के अधीन पड़नेवाले 114 गांव शामिल
मास्टर प्लान के दायरे में कुल 184 राजस्व ग्रामों को शामिल किया गया है. इसमें रांची नगर निगम क्षेत्र के 55 वार्ड और आरआरडीए के अधीन पड़नेवाला 114 गांव शामिल हैं. नगर निगम क्षेत्र में पड़नेवाले 55 वार्डों का क्षेत्रफल 175.12 वर्ग किमी और आरआरडीए के क्षेत्र में पड़नेवाले राजस्व गांवों का क्षेत्रफल 477.08 वर्ग किमी है.
सड़कों के दोनाें ओर जमीन ली जायेगी
मास्टर प्लान में स्वीकृत सड़कों की चौड़ाई के लिए उसके दोनों तरफ से आवश्यक जमीन बराबर ली जायेगी. कांके डैम, धुर्वा डैम, रुक्का डैम के चारों तरफ 20 मीटर की दूरी तक कोई निर्माण काम नहीं होगा. रिंग रोड और इनर सर्कुलर रिंग रोड के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट होगा. रिंग रोड को दोनों तरफ 15 मीटर और इनर रिंग रोड के दोनों तरफ 10 मीटर चौड़ी भू-पट्टी ग्रीन बेल्ट के रूप में मान्य होगी.
मेला को राजकीय घोषित करेगी कमेटी
कैबिनेट ने मेला या महोत्सव को राजकीय घोषित करने के लिए प्रधान सचिव, कला संस्कृति की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का फैसला किया है. यह समिति संबंधित जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसाओं पर विचार के बाद किसी मेला या महोत्सव को राजकीय घोषित करेगी. साथ ही ऐसे मेला व महोत्सव को अनुदान देगी. अंतरराष्ट्रीय मेले के लिए अनुदान की राशि 15 लाख, राष्ट्रीय के लिए 10 लाख और राज्य स्तरीय मेला या महोत्सव के लिए अनुदान की राशि पांच लाख रुपये होगी़ कैबिनेट ने राज्य खाद्य आयोग नियमावली को स्वीकृति दे दी.

खाद्य आयोग में अध्यक्ष के अलावा पांच सदस्य होंगे. इनमें कम से कम दो महिलाएं और एक-एक एससी-एसटी सदस्य होंगे़ राज्य सरकार ने उन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला किया, जिन्होंने छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं लिया है. ऐसे कर्मचारियों की संख्या 100 से भी कम है. इन कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 01.01.2015 तक 212 से 223 प्रतिशत और 01.01.2015 से 01.07.2015 तक 223 से बढ़ा कर 234 प्रतिशत करने का फैसला किया.

आधारभूत संरचनाओं के लिए जमीन चिह्नित होगी
भूमि उपयोग क्षेत्र हेक्टेयर में
न्यू सिटी सेंटर 31.60
सिटी फैसिलीटी सेंटर 46.40
एजुकेशनल हब 198.22
न्यू यूनिवर्सिटी 796.16
एग्जीबिशन एंड फेयर ग्राउंड 143.20
गोल्फ कोर्स 345.33
एयरपोर्ट एग्जीस्टिंग 817.67
आइटी पार्क दो भाग में 755.07
इंटीग्रेटेड फ्रेड कॉम्प्लेक्स 244.08
ट्रक टर्मिनल 81.20
होलसेल मार्केट 162.88
इंडस्ट्रीयल इस्टेट दो पार्ट 1922.61
वाटर पार्क 20.80
सड़कों की चौड़ाई भी तय
अलबर्ट एक्का से लालपुर चौक तक 70 फीट
लालपुर चौक से कोकर चौक तक 120 फीट
रातू रोड न्यू मार्केट से सर्किट हाउस तक 60 फीट
सर्कुलर रोड 80 फीट
चर्च रोड 60 फीट
अल्बर्ट एक्का चौक से सर्किट हाउस रोड जंक्शन तक 80 फीट À क्लब रोड 120 फीट
स्टेशन रोड 80 फीट
सरकारी मृत कर्मचारियों की परिभाषा संशोधित
कैबिनेट ने सरकारी मृत कर्मचारियों की परिभाषा को संशोधित कर दिया है. इसके तहत अब दत्तक पुत्र और पुत्री को भी आश्रित के परिवार में शामिल किया गया है. विधवा या तलाकशुदा पुत्री भी इसमें शामिल है. इस संसोधन से अब दत्तक पुत्र व पुत्री भी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद मिलनेवाले लाभ के हकदार होंगे.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद : कैबिनेट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदने का फैसला किया है. एफसीआइ पलामू, दक्षिणी छोटानागपुर और कोल्हान क्षेत्र में धान की खरीद की जायेगी, जबकि शेष क्षेत्र में नोडल अभिकरण के माध्यम से धान की खरीद होगी. छह लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है़

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