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लखीसराय : पिछले पंचायत चुनाव के बाद विकास के कई काम महमदपुर पंचायत में हुए, लेकिन विकास की जो कल्पना थी वह अब भी अधूरी है. पंचायत में दर्जनों सड़क, पुलिया, इंदिरा आवास बने, चापाकल गड़े, लेकिन अब भी पंचायत के लोगों को खुले में शौच से मुक्ति नहीं मिल पायी है. पंचायत के 80 […]

लखीसराय : पिछले पंचायत चुनाव के बाद विकास के कई काम महमदपुर पंचायत में हुए, लेकिन विकास की जो कल्पना थी वह अब भी अधूरी है. पंचायत में दर्जनों सड़क, पुलिया, इंदिरा आवास बने, चापाकल गड़े, लेकिन अब भी पंचायत के लोगों को खुले में शौच से मुक्ति नहीं मिल पायी है.

पंचायत के 80 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं है. महिलाएं शौच के लिए अंधेरा होने का इंतजार करती हैं. सड़क किनारे शौच के लिए आयी महिलाओं को वाहनों की लाइट के कारण शर्मसार होना पड़ता है. रतनुपुर पिपरिया टोला के लोग पक्की सड़क से भी वंचित हैं. बरसात के दिनों में कीचड़ के कारण एनएच 80 तक आने में परेशानी होती है.

गांव में संपर्क पथों का अभाव है. अभी भी कई पथ ईंट सोलिंग ही है, जिस पर आवागमन में परेशानी होती है. पंचायत के लोगों को टीस है कि पंचायत में सिंचाई का बेहतर प्रबंध होता, तो लोगों को रोजगार के लिए बाहर पलायन नहीं करना पड़ता. किसानों के घरों में खुशहाली होती, लेकिन पांच वर्षो में एक भी कूप का निर्माण नहीं हुआ.

कहने को तो पंचायत में तीन राजकीय नलकूप हैं, लेकिन वे वर्षो से खराब पड़े हैं. पंचायत की आबादी के 20 प्रतिशत से अधिक लोग रोजगार के अभाव में राज्य से बाहर मेहनत मजदूरी करने को विवश हैं. पंचायत में रतनुपुर ,महमदपुर, फेको इंगलिश, नया टोला रतनुपुर, रतनुपुर बरई टोला आदि गांव में लोगों को शुद्ध पेयजल भी नसीब नहीं हो पा रहा है. यहां चापाकल से गंदा व दूषित जल निकलता है. पंचायत के मुखिया सतीश कुमार के मुताबिक पांच वर्षो में लगभग सौ चापाकल गाड़ा गया.

इसके अलावे डेढ़ दर्जन पीसीसी सड़क एवं 15 ईंट सोलिंग वाली सड़क का निर्माण हुआ. विद्युत विहीन रतनुपुर पिपरिया टोला में लंबे समय से खराब पड़े 25 केवीए के ट्रांसफरमर को बदल कर वहां 63 केवीए का नया ट्रांसफरमर लगा विद्युत आपूर्ति बहाल की गयी. मुखिया के मुताबिक पूर्व में मात्र 200 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिलता था. अब लगभग 900 लोगों को इसका लाभ दिया जा रहा है. पिछले पांच वर्षो में 100 जरूरतमंदों को इंदिरा आवास योजना का लाभ दिया गया.

एनएच 80 रतनुपुर पिपरिया टोला के नजदीक से बरई टोला होते पोखरामा तक जाने वाली एक किलोमीटर लंबी मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की जर्जर सड़क के जीर्णोद्धार के लिए कई बार तत्कालीन विधायक को जानकारी दी गयी. उक्त सड़क का निर्माण 1995-96 में फुड फॉर वर्क योजना के तहत किया गया था. उसके बाद से शायद ही इसका मेंटेनेंस हो पाया.

कहते हैं लोगरतनुपुर पिपरिया टोला निवासी महेंद्र साव ने बताया कि पंचायत में विकास की कई कार्य किये गये. सड़कों का भी निर्माण हुआ. उपलब्ध संसाधन के मुताबिक पंचायत प्रतिनिधि द्वारा विकास का कार्य किया गया. आदुपुर निवासी बालेश्वर राय के मुताबिक जितनी अपेक्षाएं थी. उस मुताबिक काम नहीं हुआ. इन पांच वर्षो में जन प्रतिनिधि समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं रहे. विकास की गति धीमी पड़ गयी.

आदुपुर निवासी कपिलदेव राय के मुताबिक पंचायत में सड़क तो बनी, लेकिन काफी लोगों को राशन व पेंशन योजना का लाभ नहीं मिला. रतनुपुर पिपरिया टोला निवासी अजय कुमार तांती के मुताबिक वे रायपुर में मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं. उन्होंने बताया कि पंचायत में विकास का कार्य सही तरीके से नहीं हुआ. रतनुपुर पिपरिया टोला में शायद ही किसी घर में शौचालय हो. यहां की शत प्रतिशत आबादी खुले में शौच जाती है. गांव में विद्यालय नहीं है.

बच्चे एक किलोमीटर दूर मध्य विद्यालय रतनुपुर जाकर पढ़ाई करते हैं. छोटे बच्चों का विद्यालय जाना मुश्किल होता है, इसलिए अधिकतर बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. गांव में पक्की सड़क नहीं होने के कारण बारिश में आवागमन में परेशानी होती है.रतनुपुर नया टोला निवासी नारायण महतो के मुताबिक इन पांच वर्षो में विकास नहीं हो पाया. गांव के अंदर सड़कों की स्थिति काफी दयनीय है. कई लोगों को राशन-केरासिन व पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया.

योजनाओं के लाभ में भी जन प्रतिनिधि की मनमानी चलती रही. रतनुपुर नया टोला निवासी मंजू देवी के मुताबिक जन प्रतिनिधि ग्रामीणों को सिर्फ दिवा स्वप्न दिखाते रहे. कई महीनों से खाद्यान्न नहीं मिल रहा. पूर्व में अंत्योदय योजना के तहत खाद्यान्न का लाभ मिलता था, लेकिन बाद में वह भी मिलना बंद हो गया.खेमतरनी थान निवासी त्रिवेणी यादव के मुताबिक सिंचाई सुविधा के अभाव में खेती दम तोड़ रही है. राजकीय नलकूप वर्षो से खराब है.

इसे चालू कराने की दिशा में पहल नहीं की गयी. पांच वर्षो में एक भी कूप की खुदाई नहीं हुई. जरूरत मंदों को इंदिरा आवास का लाभ नहीं मिला. खेमतरनी थान निवासी सुदीन यादव के मुताबिक पंचायत में सही तरीके से सड़क नाला आदि का निर्माण नहीं हुआ. जल निकासी की समस्या बनी हुई है. इंदिरा आवास में भी सही लाभुकों को लाभ से वंचित रखा गया.

पिछले पंचायत चुनाव में वर्तमान मुखिया के निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे पूर्व मुखिया नित्यानंद कुमार के मुताबिक पांच वर्षो में पंचायत के विकास का ग्राफ काफी नीचे चला गया. मनरेगा के तहत पौधरोपण योजना में लूट खसोट हुई. सरजमी पर कहीं काम नहीं दिखता है. पंचायत में सिंचाई सुविधा को बेहतर बना कर किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता था,

लेकिन पांच वर्षो में एक भी कूप की खुदाई नहीं हुई. रोजगार उपलब्ध करा कर लोगों का पलायन रोकने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने की आवश्यकता है.कहते हैं मुखियामुखिया सतीश कुमार के मुताबिक पंचायत में डेढ़ दर्जन पीसीसी, 15 ईंट खरंजा सड़क बनाया गया. लगभग 100 चापाकल गाड़ कर विकास कार्यों का क्रियान्वयन किया गया. पांच वर्षो में वे लोगों के बीच सहज उपलब्ध रहे और उनकी समस्याओं का निदान प्राथमिकता के आधार पर करते रहे .

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