नयी दिल्ली : आमिर खान के बयान के बाद छिड़े घमासान में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी कूद पड़े हैं. राहुल गांधी ने ट्विट किया कि सरकार और मोदी जी के खिलाफ सवाल उठाने वालों की ब्रांडिग देशद्रोही, राष्ट्रविरोधी और प्रेरित जैसी उपाधियों के रूप में करने की बजाए सरकार को लोगों तक पहुंचकर उन्हें परेशान करने वाले कारकों के बारे में जानने का प्रयास करना चाहिए. राहुल ने लिखा कि यही समस्या के समाधान का रास्ता है नाकि लोगों को बदमाशी करना, धमकाना और लोगों को गाली देना. दूसरी ओर अभिनेता आमिर खान के असहिष्णुता संबंधी बहस में शामिल होने के बीच भाजपा ने कहा कि कुछ छिटपुट अतिवादी घटनाओं से भारत को परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही भाजपा ने आमिर की पत्नी की भारत छोडने संबंधी सलाह की आलोचना करते हुए कहा कि लोग कर बचाने समेत कई कारणों से बाहर जाते हैं.
सत्तारुढ दल ने आमिर को यह भी याद दिलाया कि उनकी आखिरी फिल्म ‘पीके’ कुछ दक्षिणपंथी समूहों के विरोध के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही थी जो इस बात का उदाहरण है कि भारतीय समाज कितना सहिष्णु है. भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, ‘हालांकि कुछ छिटपुट अतिवादी उदाहरण भारत की मूल असहिष्णु प्रकृति के लिए अपवाद हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा यदि इन छिटपुट उदाहरणों को उस मानक के तौर पर स्वीकार करने दिया जाए जो भारत को परिभाषित करता है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारा संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है और आमिर खान की तरह हर नागरिक को अपनी निजी राय रखने का अधिकार है और उनसे असहमत हर व्यक्ति को भी यही स्वतंत्रता है.’ आमिर खान ने कल एक पुरस्कार समारोह में कहा था कि उनकी पत्नी ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें देश से बाहर चले जाना चाहिए. इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए कोहली ने कहा कि शिक्षा, करियर, कारोबार और कर समेत विभिन्न कारणों से कई लोग विदेश में रहने का विकल्प चुनते हैं. उन्होंने कहा, ‘यह व्यक्तिगत पसंद है. इस पर कोई भी संवैधानिक बाधा नहीं है.’