नयी दिल्ली : बॉलीवुड स्टार आमिर खान ने भी देश में असहिष्णुता की बात कही है. उन्होंने कहा कि देश के जो हो रहा है वह चिंता की बात है. उनकी पत्नी किरण राव ने उन्हें देश छोड़ने की सलाह दी है. वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. इसके बाद अभिनेता अनुपम खेर ने उनसे ट्विट कर एक के बाद एक कई सवाल किये. अनुपम ने अामिर से पूछा कि वे बताये कि उनकी पत्नी भारत को छोड़कर किस देश में जाना चाहती हैं. उन्होंने पूछा कि ‘सत्यमेव जयते’ में आमिर ने ही संदेश फैलाया है कि चाहे जैसी भी परिस्थिति हो आशावादी रहें. तो आज भी अगर देश में असहिष्णुता है तो उन्हें लोगों के बीच आशा फैलानी चाहिए, डर नहीं. अनुपम ने कहा कि आमिर ने अपनी पत्नी को नहीं बताया कि भारत की जनता ने ही उन्हें आमिर खान बनाया है.
Dear @aamir_khan. Did you ask Kiran which country would she like to move out to? Did you tell her that this country has made you AAMIR KHAN.
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 23, 2015
Dear @aamir_khan. Did you tell Kiran that you have lived through more worse times in this country & but you never thought of moving out.
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 23, 2015
Dear @aamir_khan. #SatyamevaJayate u talked about evil practices but gave Hope. So even in ‘Intolerant’ times u need 2 spread Hope not Fear.
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 23, 2015
Dear @aamir_khan Presumed country has become #Intolerant. Wat do u suggest 2 millions of Indians? Leave India? Or wait till regime changes?
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 23, 2015
अनुपम ने कहा, आमिर क्या आपने अपनी पत्नी को नहीं बताया कि देश में इससे भी बदतर दौर आये थे और उस समय आपने देश छोड़ने का फैसला नही किया था. उन्होंने कहा कि आमिर ‘अतुल्य भारत’ आपके लिए केवल 7 से 8 महीने में ‘असहिष्णु भारत’ बन गया. अगर आपको लगता है भारत असहिष्णु हो गया है तो आप लाखों भारतीयों को क्या सलाह देंगे, देश को छोड़ देना चाहिए या परिवर्तन का इंतजार करना चाहिए.
अमिर ने यहां पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कहा, ‘एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम समाचार पत्रों में पढते हैं कि क्या हो रहा है, हम इसे समाचारों में देखते हैं और निश्चित तौर पर मैं चिंतित हुआ हूं. मैं इससे इनकार नहीं कर सकता. मैं कई घटनाओं से चिंतित हुआ हूं.’ उन्होंने आतंकवाद पर कहा कि आतंक को धर्म से जोड़कर देखना गलत है. कोई व्यक्ति अगर कुरान हाथ में लेकर हत्याएं कर रहा है तो इसे उसे लगता होगा कि वह इस्लामिक कदम उठा रहा है, लेकिन मुसलमान होने के नाते मुझे लगता है कि वह जो कर रहा है वह इस्लामिक नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए स्पष्ट है, एक व्यक्ति जो मासूमों की हत्या कर रहा है, मुसलमान नहीं है. जहां तक मेरा सवाल है, वह मुसलमान नहीं है. वह मुसलमान होने का दावा कर सकता है, लेकिन हमें उसे मुसलमान नहीं मानना चाहिए. वह आतंकवादी है और उसे आतंकवादी के रूप में ही पहचानना चाहिए. मेरी समस्या सिर्फ आईएसआईएस से नहीं बल्कि उस तरह की सोच से है.’