बिहारशरीफ : कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगनेवाले चौहरमल मेले की तैयारी शुरू कर दी गयी है. ग्रामीण स्तर लगनेवाले मेले की तैयारी में गांववाले जुट गये हैं.पंचाने नदी के किनारे स्थित कोसुक गांव में सालों दर-दर साल से पारंपरिक मेला लगता चला आ रहा है. मेले के दिन श्रद्वालु नदी में स्नान करने के बाद बाबा चौहरमल मंदिर में पूजा-पाठ करते हैं.
हालांकि इस साल नदी में पानी नहीं होने के कारण श्रद्वालुओं को नदी स्नान से वंचित रहना पड़ेगा. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस नदी में स्नान काफी लाभ मिलता है. पूर्णिमा के दिन नदी को गोविंद नक्षत्र का दर्जा प्राप्त रहता है. लोगों का मानना है कि यहां स्नान करने से गंगा स्नान के बराबर पूर्ण्य मिलता है.
मेला स्थल के पास मनोरंजन के लिए झूला से लेकर अन्य संसाधन की व्यवस्था की गयी है. बड़े से लेकर बच्चों के लिये झूला लगाया गया है. मेले में तलवारवाजी व कुश्ती का प्रदर्शन भी लोग करते हैं. मेले में आनेवाले श्रद्वालुओं द्वारा बाबा चौहरमल के मंदिर में लंगोट भी चढ़ाये जाते हैं.