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इशाकचक इंस्पेक्टर वाले का जोड़

इशाकचक इंस्पेक्टर वाले का जोड़ दोनों थाना प्रभारी की बराबर की जिम्मेवारी होगीएसएसपी विवेक कुमार ने इंस्पेक्टर और थाना प्रभारियों के साथ बैठक में कहा कि जिस थाना क्षेत्र में अपराध होगा और अपराधी जिस थाना क्षेत्र का रहने वाला होगा, दोनों थाना प्रभारी उस अपराध के लिए बराबर के जिम्मेवार होंगे. अक्सर ऐसा देखा […]

इशाकचक इंस्पेक्टर वाले का जोड़ दोनों थाना प्रभारी की बराबर की जिम्मेवारी होगीएसएसपी विवेक कुमार ने इंस्पेक्टर और थाना प्रभारियों के साथ बैठक में कहा कि जिस थाना क्षेत्र में अपराध होगा और अपराधी जिस थाना क्षेत्र का रहने वाला होगा, दोनों थाना प्रभारी उस अपराध के लिए बराबर के जिम्मेवार होंगे. अक्सर ऐसा देखा जा रहा है कि किसी दूसरे थाना क्षेत्र का अपराधी किसी और थाना क्षेत्र में जाकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है. ऐसे में उस थाना प्रभारी की भी जिम्मेवारी बनती है जिसके क्षेत्र में अपराधी रहता है. अगर उस थाना क्षेत्र में सख्ती की जायेगी, तो अपराधी का वहां रहना मुश्किल हो जायेगा. लॉ एंड ऑर्डर को प्रभावित करने वालों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज होगी. कानून-व्यवस्था को चुनौती देने का काम करने और उसे प्रभावित करने वालों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करने की बात एसएसपी ने की. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में नामजद अपराधियों को पकड़ने के बाद स्पीडी ट्रायल के तहत उन्हें जेल भेजा जायेगा. सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और रोड जाम करने और दूसरे किसी भी तरह से कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. केस डिस्पोजल करें, जांच समय पर होबैठक में एसएसपी विवेक कुमार ने सभी डीएसपी, इंस्पेक्टर, थानाध्यक्षों से कहा कि वह केस के निबटारे में लापरवाही बिल्कुल न करें. उन्होंने कहा कि यह तभी संभव होगा, जब केस की जांच समय पर निष्पक्ष तरीके से की जाये. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक मामलों को प्राथमिकता की सूची में सबसे ऊपर रखा जायेगा. बॉक्स मैटर इसलिए अपराध को रोकने में हो रही दिक्कत पिछले कुछ महीनों में शहर में कई बड़ी आपराधिक घटनाएं हुई हैं. इसके साथ ही यह भी सही है कि पुलिस को लगातार सफलता भी मिली है. कई बड़ी घटनाओं का खुलासा पुलिस ने किया है. एक सवाल जरूर उठता है कि पुलिस किसी घटना के होने से पहले ही उसे क्यों नहीं रोक पा रही. अपराध की रोकथाम में पुलिस असफल क्यों हो रही. एसएसपी विवेक कुमार ने इस सवाल पर कहा कि जमानत पर छूटने वाले अपराधियों को थानेदारों को फाॅलो करना चाहिए ताकि उसकी गतिविधियों पर ध्यान रखा जा सके. उन्होंने कहा कि थानेदार अपराधियों को फॉलो नहीं कर रहे जिससे वह जेल से छूट कर आने के बाद फिर से अपराध करने लगते हैं. थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि जमानत पर छूट कर आने वाले अपराधियों पर वह नजर रखें ताकि संदिग्ध गतिविधि होने पर उन्हें पकड़ा जा सके. ऐसा नहीं करने वाले थानाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात एसएसपी ने कही. इसके अलावा पुलिस का सूचना तंत्र इसलिए भी कमजोर दिख रहा, क्योंकि जिले के ज्यादातर थानों में चौकीदार नहीं हैं. चौकीदार के नहीं होने से अपराधियों की पहचान नहीं हो पाने की दिक्कत होती है.

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