21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीएम मोदी ने चीनी पीएम ली से की मुलाकात, आतंकवाद व मंदी से साथ लड़ने का निर्णय

कुआलालंपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध और साझा वैश्विक हितों से जुड़े विषयों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों देशों को आतंकवाद के साझा खतरे से निपटने के लिए सामरिक समन्वय बढाना चाहिए. पेरिस और […]

कुआलालंपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध और साझा वैश्विक हितों से जुड़े विषयों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों देशों को आतंकवाद के साझा खतरे से निपटने के लिए सामरिक समन्वय बढाना चाहिए. पेरिस और माली में हाल के आतंकी हमलों की निंदा करते हुए मोदी ने कहा कि आतंकवाद की बुराई मानवता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने संवाददाताओं से कहा कि आसियान..भारत शिखर सम्मेलन से इतर हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बात की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अपने राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर इस बुराई से निपटने के लिए एकजुट हो.

मोदी ने कहा कि देशों को अपने राजनीतिक मतभेदों को भुला कर प्रभावितों की मदद के लिए साथ आना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहे हैं और इससे निपटने के लिए सामरिक समन्वय बढाने की जरूरत है. ली ने कहा कि चीन आतंकवाद के खिलाफ है और आतंकवाद पर दोनों देशों के बीच सहयोग से एशिया को और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी.

दोनों नेताओं ने महसूस किया कि वैश्विक कारोबार में मंदी से भारत और चीन दोनों के मिलकर काम करने और वैश्विक वृद्धि का वाहक बनने का अवसर पैदा हुआ है. स्वरूप ने बताया कि ली ने कहा कि भारत ने वैश्विक गिरावट के बावजूद वृद्धि की गति को बनाये रखा और उसकी ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहल चीन के लिए साझेदारी का अवसर पैदा करता है. प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों में इस बात को लेकर सहमति थी कि विकसित देशों को क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में विकासशील देशों की मदद करनी चाहिए. मोदी ने ली को सौर उर्जा के क्षेत्र में पहल के बारे में बताया और चीन को गठबंधन में शमिल होने पर विचार करने को कहा. दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग के बारे में भी चर्चा की.

मोदी ने कहा कि भारत चीन की विशेषज्ञता से लाभान्वित होना चाहता है. मोदी ने इलेक्ट्रानिक वीजा से होने वाले लाभ का भी जिक्र किया. ली ने कहा कि भारत और चीन दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देश हैं जिनमें भिन्नता से अधिक साझा हित हैं. उन्होंने कहा कि चीन और भारत में आपसी विश्वास औार सहयोग बढने के न केवल दोनों के लिए अनुकूल परिणामआयेंगे बल्कि एशिया में शांति एवं विकास में भी योगदान मिलेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें