22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आतंकवाद से मुकाबले को भारत और चीन बनाएंगे मंत्रिस्तरीय तंत्र

बीजिंग : भारत और चीन पहली बार सुरक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर सहयोग एवं समन्वय बढाने के लिए आज अपने गृह मंत्रियों के नेतृत्व में एक मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने पर सहमत हुए. इन मुद्दों में सीमा पार आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थ की तस्करी पर अंकुश शामिल है. मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने के निर्णय पर सहमति […]

बीजिंग : भारत और चीन पहली बार सुरक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर सहयोग एवं समन्वय बढाने के लिए आज अपने गृह मंत्रियों के नेतृत्व में एक मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने पर सहमत हुए. इन मुद्दों में सीमा पार आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थ की तस्करी पर अंकुश शामिल है. मंत्रिस्तरीय तंत्र बनाने के निर्णय पर सहमति तब बनी जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग और गृह मंत्री गुओ शेंगकुन से बातचीत की. सिंह ने ली और गुओ के साथ अपनी बैठकों के बाद मीडिया को बताया कि मंत्रिस्तरीय तंत्र सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर तैयार किये जाने वाले व्यापक सहमतिपत्र के बाद बनाया जाएगा. यह गुओ की अगले वर्ष भारत यात्रा के दौरान अस्तित्व में आएगा.

यह समिति आतंकवाद, सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था संबंधी मुद्दों, सीमा पार अपराधों, साइबर अपराधों एवं मादक पदार्थ तस्करी जैसे मुद्दों से निपटेगी. उन्होंने कहा, ‘अब से सभी मुद्दों से समिति निपटेगी, जिसकी सह अध्यक्षता दोनों देशों के गृह मंत्री करेंगे.’ उन्होंने कहा कि समिति प्रगति की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक वर्ष बैठक करेगी. उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्ष आतंकवाद की पहचान समान खतरे के तौर पर करते हैं. यह एक अंतरराष्ट्रीय एवं सीमापार खतरा है जिसे हमारी संयुक्त प्रतिक्रिया की जरुरत है.’ उन्होंने कहा कि यह बिंदु ली के साथ वार्ता में रेखांकित हुए. आतंकवाद के संबंध में दोनों देशों द्वारा सहयोग गहरा करने संबंधी निर्णय पेरिस में आतंकवादी हमला और इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों द्वारा चीन और नार्वे के बंधकों की हत्या करने की पृष्ठभूमि में आया है.

सिंह ने कहा, ‘सैद्धांतिक रूप से हम एक नये द्विपक्षीय दस्तावेज को सहमत हो गये हैं जो आतंकवाद का मुकाबला, सुरक्षा, सीमापार अपराधों और संबंधित मुद्दों पर सहयोग की रुपरेखा बनाएगा.’ उन्होंने कहा कि मंत्रिस्तरीय तंत्र को एक कार्यकारी स्तरीय तंत्र से सहयोग मिलेगा जिसका नेतृत्व दोनों देशों के संयुक्त सचिव स्तरीय अधिकारी करेंगे. सिंह ने दोनों देशों के बीच सहयोग में लगातार हो रहे सुधार पर संतोष जताया. सुरक्षा मुद्दों के विभिन्न पहलुओं के अलावा इस तंत्र में महत्वपूर्ण रूप से सीमापार आतंकवाद और उस आतंकवाद पर सूचना साझा करने पर मुख्य जोर होगा जिसका सामना भारत और चीन एक ‘साझा स्रोत’ पाकिस्तान से करते हैं.

भारत जहां पाकिस्तान के कश्मीर से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद का सामना करता है, चीन ऐसी ही समस्या का सामना ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) से करता है जो शिंजियांग स्थित अलकायदा समर्थित संगठन है जिसका आधार पाकिस्तान के कबायली क्षेत्रों में है. सिंह ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिए आतंकवादी गतिविधियों, आतंकवादी समूहों एवं सम्पर्कों पर सूचना के अदान-प्रदान के जरिये अपना सहयोग बढाने पर सहमत हुए हैं. हम अपहरण निरोधक और बंधक स्थिति आदि के बारे में अपने अनुभवों का अदान-प्रदान करेंगे. हम बहुपक्षीय मंचों पर आतंकवाद निरोधक प्रयासों पर अपनी स्थिति का समन्वय करेंगे.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें