नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डीआरडीओ मुख्यालय में 2013 बैच के आइएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में हमेशा उमंग से काम करें. उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में नया करने के लिए दस साल की समय होता है, बाकी तो वहीं फाइलें और वही काम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आइएएस अधिकारियों को यह सीख भी दी कि आप जब यहां से 25 साल से 28 साल की उम्र में निकल कर अपने क्षेत्र में काम करने जायेंगे, तो वहां आपको 25 से 30 साल के कार्यानुभव वाले लोग मिलेंगे और वहां जब आप यह सोचेंगे कि मैं आइएएस अफसर हूं और सब चीजें अचानक से बदल दूंगा, तो यहीं से टकराव शुरू होगा. क्योंकि वह अफसर या कर्मचारी सोचेगा कि बड़े आये हैं आइएएस, ऐसे कितने आये और गये, मैं तो 30 साल से यह काम देख रहा हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधनकी शुरुआत में एक वाकया सुनाते हुए आइएएस अधिकारियों से कहा कुछ पत्थर तराशने वाले लोग थे, उसमें से एक से किसी ने पूछा कि क्या कर रहे हो तो उसने कहा पत्थर तराश रहा हूं, दूसरे से पूछा तो उसने कहा कि पहले कहीं काम करता था, वहां ठीक आय नहीं होती थी, इसलिए यहां काम कर रहा हूं, तीसरे ने कहा कि पत्थर पर अपनी किस्मत की लकीर खींच रहा हूं, वहीं चौथे ने कहा कि मेरे जीवन का यह बड़ा सौभाग्य है, यहां एक बहुत बड़ा व भव्य मंदिर बन रहा है, मैं उसके लिए पत्थर तराश रहा हूं. उन्होंने चाैथे शख्स के उत्साह की चर्चा करते हुए कहा कि जीवन में हर काम बड़े उमंग से करना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन में हर काम ईमानदारी से करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जीवन में जो काम मिलता है, उसमें सफल होने की इच्छा हर व्यक्ति की रहती है. प्रधानमंत्री ने एक पूर्व मुख्यमंत्री के अनुभव को सुनाते हुए कहा कि उन्होंने एक बार मुझे बताया था कि एक बार उनके राज्य में एक बड़े नेता के पुत्र का अपहरण हो गया. वह नेता विरोधी दल के थे, इससे उन मुख्यमंत्री की मुश्किलें और बढ गयीं. वे मुख्यमंत्री पुलिस में छोटी नौकरी कर राजनीति में आये थे, पुलिस का वह अनुभव उन्हें काम आया. उन्होंने अपने इंटेलीजेंस वालों को बताया कि आप पता करें दूध की खपत कहां बढ गयी है. खुफिया वालों ने वैसा ही किया. जिसके बाद पता चला कि एक खास जगह पर दो चार किलो दूध की मांग अचानक बढ गयी है. दरअसल, वहां ही अपहरण करने वाले छुपे थे.
नये आइएएस अफसरों से प्रधानमंत्री ने कहा कि आप देश के एक बटे पांचवे हिस्से जिले को बदलने वाले हैं. उन्होंने कहा कि आपके पास टीम है, विजन है, आप यह काम कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम मान कर चलें कि सरकार की ताकत से अधिक समाज की ताकत होती है. दोनों के बीच की खाई को पाटने में आप ताकत लगायें. सरकार को जिस काम में लोहे के चने चबाने होते हैं, उस काम को समाज तुरंत कर लेता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर बाढ़आती है तो समाज तुरंत फूड पैकेटपहुंचाने को तैयार हो जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने आइएएस अधिकारियों से कहा कि पुराने अफसरों के अनुभव का भी लाभ लें, वे आपको बतायेंगे कि फलाने में गांव में दो लोग है जो काम में आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप खुद को दृढ़ शक्तिशाली दिखाने की जगह लोगों को जोड़ने में ताकत लगायें.
उन्होंने कहा कि यह कालखंड सुनहरा मौका है भारत के लिए. ऐसे अवसर वैश्विक परिप्रेक्ष्य में कम ही आते हैं. हम भारत को नयी उंचाई पर ले जाने में इसका प्रयोग करें और तय करें कि हमें देश को आगे ले जाना है.