बीजिंग : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने चीन की अपनी छह दिवसीय यात्रा की आज शुरुआत करते हुए यहां पब्लिक सिक्योरिटी यूनिवर्सिटी के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण पर चर्चा की. सिंह कल रात यहां पहुंचे थे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिंह ने चीन की सत्तारुढ कम्यूनिस्ट पार्टी की यूनिवर्सिटी इकाई के सचिव फान जिन्गयू से मुलाकात की और उनके साथ पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण संबंधी मामलों पर चर्चा की. वह आज बाद में चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से मुलाकात करेंगे और स्टेट काउंसलर एवं सार्वजनिक सुरक्षा मामलों के मंत्री गुओ शेंगकुन के साथ वार्ता करेंगे. गुओ राजनाथ के स्वागत में एक भोज आयोजित करेंगे. पिछले एक दशक में किसी भारतीय गृहमंत्री की यह पहली चीन यात्रा है.
इससे पहले चीन की यात्रा पर जाने वाले गृहमंत्री शिवराज पाटिल थे, जो वर्ष 2005 में चीन गये थे. सिंह की यह छह दिवसीय यात्रा दोनों देशों के बीच रिश्तों में आ रहे सतत सुधार की पृष्ठभूमि में हो रही है जिससे कि लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद से निपटने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके. सिंह शनिवार को शंघाई की यात्रा करेंगे जहां वह चीन के शीर्ष सीपीसी और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे और इंडियन एसोसिएशन ऑफ शंघाई की सभा को संबोधित करेंगे.
सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने सिंह की यात्रा की रिपोर्टिंग करते हुए आज कहा कि भारत ने चीन से पश्चिमोत्तर चीन के शिंजियांग उइगर स्वायत्तशासी क्षेत्र में ‘जिहाद गतिविधियों’ से निपटने की अपनी रणनीति को साझा करने के लिए कहा. चीन शिंजियाग और चीन के अन्य इलाकों में हिंसक हमले करने का जिम्मेदार ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) को ठहराता है. ईटीआईएम अलकायदा समर्थित एक संगठन है जिसके अड्डे पाकिस्तान में हैं.
पाकिस्तानी सेना ने हाल में ईटीआईएम के अड्डों को निशाना बनाते हुए आदिवासी इलाकों में अभियान चलाये थे. पेकिंग यूनिवर्सिटी में दक्षिण एशियाई भाषा विभाग के निदेशक जियांग जिंगकुई ने कहा, ‘भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सीमा से लगे शिंजियांग में अलगाववादियों के कश्मीर में आतंकवादियों के साथ विशेष संबंध हैं.’ चाइनीज अकैडमी ऑफ सोशल साइंसेस में इंस्टीट्यूट ऑफ एशिया पैसिफिक स्टडीज के उपनिदेशक सुन शिहाई ने उपरोक्त संदर्भ में ही समाचार पत्र से कहा, ‘भारत सरकार ने पाकिस्तान में काफी खुफिया जानकारी एकत्र की है. इस प्रकार वह चीन के शिंजियांग में आतंकवाद संबंधी खुफिया जानकारी भी चीन को मुहैया करा सकती है.’
शंघाई म्युनिसिपल सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में इंस्टीट्यूट फॉर सदर्न एंड सेंट्रल एशियन स्टडीज के निदेशक वांग देहुआ ने ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा कि भारत पर कई घातक हमलों के बाद आतंकवाद को समाप्त करने के लिए चीन से ज्यादा दबाव है. जियांग ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के सामने अपनी पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में कट्टरवाद और आतंकवाद की ज्यादा बडी चुनौती है. भाजपा का मानना है कि देशभर में हिंदुत्व प्रमुख धर्म होना चाहिए.’ वांग ने कहा कि इसके अलावा भारत सरकार को इस बात की भी चिंता है कि इस्लामिक स्टेट देश में अपनी एक शाखा खोल सकता है जो कि उसके आतंकवाद रोधी कार्य के लिए एक और बडा खतरा होगा.