एक मंत्री के अचानक सरकारी कार्यक्रम छोड़कर चले जाने से विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गई. सरकारी अधिकारी हालांकि इस बारे में खुलकर कुछ भी नहीं कहना चाहते. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्घाटनकर्ता उद्यान पालन एवं कानन मंत्री कृष्णेन्दू चौधरी थे, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राहत एवं पुनर्वास मंत्री सावित्री मित्रा को आमंत्रित किया गया था.
इस बीच, कार्यक्रम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्री सावित्री मित्रा ने समारोह शुरू होने से पहले ही अधिकारियों से पहले भाषण देने के लिए बुलाने की मांग की थी. तब अधिकारियों ने उन्हें कुछ भी नहीं बताया. समारोह के उद्घाटनकर्ता मंत्री कृष्णेन्दु चौधरी थे, इसलिए भाषण देने के लिए पहले उन्हें ही आमंत्रित किया गया. समारोह आयोजकों द्वारा मंत्री कृष्णेन्दू चौधरी का राम पुकारते ही सावित्री मित्रा का पारा चढ़ गया.
बगैर किसी को कुछ बोले वह मंच से उठीं और चलते बनीं. यहां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय प्राणी संपदा विकास सप्ताह का आयोजन 13 नवंबर से जारी है. 19 नवंबर को समापन समारोह होगा. मंगलवार को इसी के तहत यहां कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस समारोह में दोनों मंत्री कृष्णेन्दू चौधरी, सावित्री मित्रा के अलावा वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे. बाद में समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री कृष्णेन्दु चौधरी ने कहा कि सिर्फ विकास सप्ताह के आयोजन से ही कुछ नहीं होगा. विभाग को ऐसी व्यवस्था करनी होगी जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सके. सभी बेरोजगारों को नौकरी देना संभव नहीं है, लेकिन सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें स्वनिर्भर बनाया जा सकता है. मुर्गी, बकरी पालन आदि के द्वारा बेरोजगार युवक-युवती स्वनिर्भर हो सकते हैं. आज के कार्यक्रम के दौरान पांच सौ मुर्गी पालकों को मुर्गी का चूजा प्रदान किया गया. समारोह को मंत्री कृष्णेन्दू चौधरी के अलावा विभागीय अधिकारी सुभाष बोस एवं बानेश्वर चक्रवर्ती ने भी संबोधित किया.