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अर्घ्य देेने के लिए दिखी उत्सुकता

अर्घ्य देेने के लिए दिखी उत्सुकतापरंपरागत तरीके से संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ फोटो नं. 3,4,5,6,7,8,9,10 कैप्सन-छठ पूजा से संबंधित फोटो प्रतिनिधि, कटिहारजिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सूर्य उपासना का महापर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया. बुधवार को अहले सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व […]

अर्घ्य देेने के लिए दिखी उत्सुकतापरंपरागत तरीके से संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ फोटो नं. 3,4,5,6,7,8,9,10 कैप्सन-छठ पूजा से संबंधित फोटो प्रतिनिधि, कटिहारजिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सूर्य उपासना का महापर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया. बुधवार को अहले सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व संपन्न हो गया. इसके बाद छठ व्रतियों ने पारण किया. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित 225 छोटे-बड़े छठ घाटों सहित विभिन्न छठ घाटों पर चार दिवसीय यह पर्व मनाया गया. उल्लेखनीय है कि रविवार को कद्दू-भात के साथ चार दिवसीय यह महापर्व शुरू हुआ था. सोमवार को खरना व मंगलवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया.लोगों में था गजब का उत्साह श्रद्धालु एक पखवारे से लोक आस्था के इस महापर्व की तैयारी में जुटे थे. दीपावली के बाद तैयारी में और भी तेजी आ गयी थी. मंगलवार व बुधवार को क्रमश: अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने को लेकर लोगों में गजब का उत्साह था. न केवल हिंदू बल्कि अन्य धर्मावलंबी भी इसमें शरीक थे. छोटे-बड़े सभी घाटों पर उत्सव जैसा नजारा था. हर तबके के लोग छठ पर्व में शामिल होने घाट पर पहुंचे थे. कई ऐसे घाटों पर छठ व्रती व श्रद्धालु रात भर रह गये व पूजा अर्चना सहित भक्ति गीतों में तल्लीन रहे. …सूर्य की लालिमा को देख अर्घ्य देने की हुई शुरुआतमंगलवार को तो अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं ने आसानी से अर्घ्य दे दिया, लेकिन बुधवार की सवेरे उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता रही. कुहासा की वजह से सूर्य की लालिमा दिखाई नहीं दे रही थी. हालांकि पहले से सूर्योदय के समय की घोषणा विभिन्न माध्यमों से की गयी थी. फिर भी छठ व्रती लालिमा देखने को लेकर बेताब थे. जैसे ही लालिमा दिखाई दी, वैसे ही अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया. कमोवेश सभी घाटों पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए न केवल छठ व्रती के परिवार के सदस्यों की भीड़ लगी रही बल्कि आस पास व गांव के अन्य लोग भी अर्घ्य देने के लिए कतार में लगे रहे. सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजनजिले के विभिन्न क्षेत्रों में छठ महापर्व को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. इसके तहत छठ पर्व पर आधारित गीत-संगीत, नाटक, जागरण आदि का आयोजन छठ पूजा समिति के द्वारा किया गया. जिले के कई जगहों पर बुधवार को भी छठ पर्व को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किये जाने की तैयारी की गयी है. घाटों पर रही हर तरह की व्यवस्थाशहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश घाटों पर छठ व्रती, श्रद्धालु व छठ पूजा समितियों के द्वारा कई तरह की सुविधा उपलब्ध करायी गयी थी. साथ ही कई घाटों पर विपरीत परिस्थिति से निबटने के लिए भी व्यवस्था की गयी थी. विभिन्न घाटों को आकर्षक तरीके से सजाया गया था. घाटों पर गरम पानी, नींबू पानी, शरबत, प्राथमिक उपचार आदि की व्यवस्था थी.दूध व गंगा जल का भी किया गया वितरणछठ व्रतियों की सुविधा के लिए समाजसेवियों, स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से कई तरह की व्यवस्था की गयी थी. श्रद्धालुओं को अर्घ्य देने के लिए दूध, गंगा जल की भी लगभग सभी घाटों पर व्यवस्था की गयी थी. खासकर बुधवार को सुबह में छठ घाटों पर दूध मिलने से श्रद्धालुओं को सुविधा हुई.

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