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पृथ्वी की जलवायु सीओ-2 के प्रति सोच से ज्यादा संवेदनशील रही है

न्यूयॉर्क : एक नये अध्ययन के अनुसार ग्रीनहाउस गैसों से वातावरण के गर्म होने के प्रभाव को वास्तविकता से कम आंका गया है और इस हिसाब से पृथ्वी की जलवायु बढी हुई कार्बन डाईऑक्साइड के प्रति सोच से ज्यादा संवेदनशील रही है. अमेरिका में बिनघम्टन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने पांच करोड साल पहले एक ‘हॉटहाउस […]

न्यूयॉर्क : एक नये अध्ययन के अनुसार ग्रीनहाउस गैसों से वातावरण के गर्म होने के प्रभाव को वास्तविकता से कम आंका गया है और इस हिसाब से पृथ्वी की जलवायु बढी हुई कार्बन डाईऑक्साइड के प्रति सोच से ज्यादा संवेदनशील रही है. अमेरिका में बिनघम्टन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने पांच करोड साल पहले एक ‘हॉटहाउस क्लाइमेट’ के दौरान बने कोलाराडो के ग्रीन रिवर फॉर्मेशन में पाये गये नैहकोलाइट क्रिस्टल का अध्ययन किया.

उन्होंने देखा कि इस समय कार्बन डॉईऑक्साइड का स्तर 680 कण प्रति दस लाख (पीपीएम) के स्तर पर रहा होगा जो पिछले प्रयोगों के आकलन के अनुसार सामने आये आंकडे 1125 पीपीएम का करीब आधा है. यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर टिम लोवेनस्टीन ने कहा कि नये आंकडे बताते हैं कि पिछले अनुमान महत्वपूर्ण रुप से ग्रीनहाउस वार्मिंग के असर को वास्तविकता से कम आंकते हैं और पृथ्वी की जलवायु पहले की सोच की तुलना में बढी हुई कार्बन डाईऑक्साइड के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती है.

उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि पांच करोड साल पहले कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर इतना अधिक नहीं था जितना कभी हम सोचते थे, लेकिन तब जलवायु आज से अधिक गर्म थी.” अध्ययन पत्रिका ‘जियोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया था.

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