नयी दिल्ली: केंद्रीय बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि आने वाले दिनों में कोयले की कमी बीती बात हो जाएगी और 2017 तक भारत को तटीय इलाकों के निकट स्थित बिजली संयंत्रों की जरुरतों को छोडकर कोयले के आयात की जरुरत नहीं रहेगी. गोयल यहां केपीएमजी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि 2017 तक भारत को कोयले के आयात की जरुरत नहीं रहनी चाहिए, केवल उन तटीय संयंत्रों की जरुरतों को छोडकर जहां कोयला भेजना बहुत कठिन है. मुझे पूरा भरोसा है कि (कोयले की) कमी का दौर समाप्त हो गया. ‘ कोयला, बिजली व नवीकृत उर्जा मंत्री गोयल ने कहा, ‘उदय’ के अगले चरण में हम कोयले के विनिमय या कोयले की अदला बदली की पूरी क्षमता..
बिजली व कोयला क्षेत्र में संपूर्ण तालमेल (सहक्रिया) की सोच रहे हैं ताकि निकटवर्ती जगह पर स्थित कोयला संयंत्र कोयले का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करें और कोयले के बजाय बिजली का पारेषण हो. ‘ उल्लेखनीय है कि कोयले का आयात घट रहा है और अक्तूबर में इसमें लगातार चौथे महीने गिरावट आई है और यह पिछले साल की तुलना में 5.1 प्रतिशत घटकर 1.452 करोड टन रह गया.
घरेलू उत्पादन बढने से सितंबर में कोयले का आयात 27.16 प्रतिशत घटकर 1.26 करोड टन रह गया. भारत ने पिछले वित्त वर्ष में एक लाख करोड रुपये से अधिक मूल्य के 21.2103 करोड टन कोयले का आयात किया.गोयल ने बाद में ट्वीट किया, ‘नवीकृत उर्जा के लिए एक अर्ध सरकारी फंड शुरु किया जा रहा है. फंड मैनेजर की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) शीघ्र ही जारी किया जाएगा. ‘
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