19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शादगी व पवत्रिता का महापर्व है छठ

शादगी व पवित्रता का महापर्व है छठ प्रतिनिधि, दिघलबैंकलोक आस्था का महापर्व छठ का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी, पवित्रता और आडंबर व दिखावा से रहित होना है. इस पर्व में न तो मंदिर की जरूरत होती है न ही प्रतिमा की और न ही मंत्रों की. परिवार की सुख समृद्धि तथा कष्टों के निवारण […]

शादगी व पवित्रता का महापर्व है छठ प्रतिनिधि, दिघलबैंकलोक आस्था का महापर्व छठ का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी, पवित्रता और आडंबर व दिखावा से रहित होना है. इस पर्व में न तो मंदिर की जरूरत होती है न ही प्रतिमा की और न ही मंत्रों की. परिवार की सुख समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किये जाने वाले इस व्रत का एक खासियत यह भी है कि इस पर्व के दौरान प्रकृति का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित राम प्रसाद झा बताते है कि सूर्य की शक्तियों का मुख्य श्रोत उनकी पत्नी उषा और प्रत्युषा है. छठ पर्व में साय काल सूर्य की अंतिम किरण प्रत्युषा तथा प्रात: काल सूर्य की पहली किरण उषा को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर के साथ साथ इन दोनों शक्तियों की संयुक्त आराधना की जाती है. कमर भर पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य का ध्यान करते समय व्रतियों के मन में प्रार्थना का यह भावन रहता है कि हे सूर्य देव हमारे तन मन जीवन का खारापन मिटा कर इसे निर्मल मधुर कर दो.सबसे कठिन व्रत है पूजा छठ काहिंदू धर्म छठ पूजा सबसे कठिन त्योहार माना जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान में नियम और निष्ठा का पूरी तरह से पालन किया जाता है. तीन दिनों के लंबे उपवास के दौरान व्रती जमीन पर बिस्तर लगा कर सोते है. स्वच्छता और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. प्रखंड क्षेत्र में छठ के गीत गूंज रहे है. जिनके घर परिवार में छठ पर्व नहीं होता है वे अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को सहयोग कर रहे है. पूरा वातावरण छठमय हो गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें