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पीडीएस: राशन-केरोसिन के बिना फीकी रही दीपावली व छठ

पीडीएस: राशन-केरोसिन के बिना फीकी रही दीपावली व छठ पूर्णिया : केस स्टडी-एककसबा नगर पंचायत के वार्ड संख्या -14निवासी उपभोक्ता लाजवंती देवी की शिकायत है कि दीपावली एवं छठ के मौके पर राशन नहीं मिला है. कहा कि यूं भी उन लोगों को राशन प्रत्येक माह नहीं मिलता है. एक माह छोड़ कर दूसरे माह […]

पीडीएस: राशन-केरोसिन के बिना फीकी रही दीपावली व छठ

पूर्णिया : केस स्टडी-एककसबा नगर पंचायत के वार्ड संख्या -14निवासी उपभोक्ता लाजवंती देवी की शिकायत है कि दीपावली एवं छठ के मौके पर राशन नहीं मिला है. कहा कि यूं भी उन लोगों को राशन प्रत्येक माह नहीं मिलता है. एक माह छोड़ कर दूसरे माह राशन-केरोसिन उपलब्ध कराया जाता है.

खास बात यह है कि दुकानदार जबरन कार्ड में हर माह का राशन का उठाव दर्शा देता है. केस स्टडी-दोजलालगढ़ प्रखंड के चक हाट निवासी वसंती देवी ने बताया कि उन लोगों को राशन पीडीएस दुकान दार अपनी मर्जी से देता है.जब उसका मन हुआ दिया,अन्यथा आवंटन नहीं आने का बहाना बना कर वापस भेज देता है.

इस बार दीपावली एवं छठ में भी राशन नहीं मिला है.खाद्यान्न के अभाव में ही त्योहार मनाया जा रहा है. केस स्टडी-तीनके नगर प्रखंड के रयपुरा कदगमा निवासी मो अयुब ने बताया कि एक-दो माह के अंतराल में राशन मिलता है.उसके लिए भी काफी झमेला करना पड़ता है,तब जाकर निर्धारित मात्रा से कम अनाज दिया जाता है.

ग्रामीण उपभोक्ताओं की विवशता यह है कि अपनी पीड़ा भी किसी अधिकारी को नहीं बता पाते हैं. गरीबों को आसानी से भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा योजना लागू की गयी.किंतु यह योजना विभागीय अधिकारियों एवं पीडीएस दुकानदारों की नापाक गठजोड़ की भेंट चढ़ गयी.

लिहाजा खाद्य सुरक्षा योजना लागू होने के बावजूद भी स्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है. खाद्य आपूर्ति विभाग का नेट वर्क इतना मजबूत हो चुका है कि पीडीएस दुकानों में पहुंचने वाला खाद्यान्न गोदामों में ही बिक जाते हैं.ऐसे में परेशान उपभोक्ता अपनी फरियाद करें तो किससे करें, यह समस्या है. सदर अनुमंडल के पूर्णिया पूर्व,कसबा,जलालगढ़,श्रीनगर एवं के.नगर प्रखंडों में खाद्य आपूर्ति की स्थिति बद् से बदतर हो गयी है.

इन प्रखंडों में उपभोक्ताओं को कई माह से राशन-केरोसिन नहीं मिलने की शिकायत है.जहां कहीं कभी भी उपभोक्ताओं को राशन दिया भी जाता है तो वहां निर्धारित मात्रा से इतना कम दिया जाता है कि उपभोक्ता खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.

उपभोक्ताओं की शिकायत है कि पीडीएस दुकानदार अनाज देकर मानों उस पर कोई ऐहसान कर रहा हो. घर का माल घर में ही बिक जाता है जानकारों के अनुसार गरीबों के अनाज का कालाबाजारी करने का एक नायाब तरीका पीडीएस दुकान दार,एसएफसी एवं विभागीय अधिकारियों के सांठ गांठ से फल-फूल रहा है. यह नया धंधा कालाबाजारी के बाहरी झंझटों से दूर है.

इस तरीके के माध्यम से कालाबाजारी हेतु बाहर नहीं जाना पड़ता है.पीडीएस दुकानदारों का अनाज एसएफसी गोदाम में ही बिक जाता है. एसएफसी के अधिकारी इस बात को भलि-भांति जानते हैं कि गोदामों में स्टॉक की जांच विरले ही होती है.जिसका भरपुर लाभ विभागीय लोग उठाते हैं.गोदाम में रखे इसी माल को अगले माह खपत करते हैं.गोदाम में ही वसूला जाता है

कमीशनजानकारों के अनुसार पीडीएस दुकानों में जाने वाले खाद्यान्न के लिए विभाग कमीशन की राशि गोदाम में ही वसूल लेते हैं. इसके लिए विभाग ने वकायदा एजेंट नियुक्त कर रखा है, जो उठाव के प्रति बोरी के हिसाब से 15 से 20 रुपये वसूल करता है. विभाग के पास एकत्र राशि को विभागीय अधिकारियों एवं संबद्ध अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों के बीच वितरित किया जाता है.

कहते हैं अधिकारीसभी जगह पर अनाज का वितरण किया जा रहा है.कहीं से वितरण में गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं मिली है.यदि शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जायेगी.रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह,एसडीओ,सदर अनुमंडल,पूर्णियाफोटो:- 15 पूर्णिया 01परिचय:- पीडीएस की दुकान

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