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ब्रजेश के लिए -स्थापना दिवस

ब्रजेश के लिए -स्थापना दिवस15 साल बीते : लेकिन पूर्वी सिंहभूम में एनएच 33 व एनएच 6 नहीं बन सका, 15 वर्षों में 9 मुख्यमंत्री बने, हाइवें का ना मरम्मत हो सका अौर ना फोर लेन ही बनारोड: —–रांची से बहरागोड़ा तक एनएच 33 में फोर लेन बनाने की योजना, आज भी योजना अधूरीवर्तमान स्थित1. […]

ब्रजेश के लिए -स्थापना दिवस15 साल बीते : लेकिन पूर्वी सिंहभूम में एनएच 33 व एनएच 6 नहीं बन सका, 15 वर्षों में 9 मुख्यमंत्री बने, हाइवें का ना मरम्मत हो सका अौर ना फोर लेन ही बनारोड: —–रांची से बहरागोड़ा तक एनएच 33 में फोर लेन बनाने की योजना, आज भी योजना अधूरीवर्तमान स्थित1. महुलिया से बहरागोड़ा अौर बहरागोड़ा से लेकर बंगाल सीमा तक मरम्मत दो-अलग-अलग एजेंसी (मेसर्स त्रिवेणी इंजीकोन, व मेसर्स केके बिल्डर) कार्य शुरू किया गया है. हालांकि महुलिया से बहरागोड़ा तक एनएच 33 फोर लेन का काम अधूरा काम छोड़ने वाले सिमप्लेस ब्लैकलिस्टेड की कार्रवाई की गयी. 2. पिछले 15 सालों में बहरागोड़ा से ओड़िशा सीमा तक 6 किलोमीटर जर्जर रोड 2015 तक नहीं हो पाया. बारिश के दिनों से यहां सड़क के जगह किचड़ दिखती है, इस कारण यहां 50-100 घंटे तक ट्रॉफिक जाम वाली स्थित स्थित रहती है. यह मामला विधानसभा उठने पर योजना पर काम के नाम पर विभाग टेंडर ही कर पाया है. वरीय संवाददाता, जमशेदपुर झारखंड सृजन का भले ही 15 वर्ष हुआ, लेकिन पिछले पंद्रह सालों में एनएच 33 सही ढंग से 15 किलोमीटर नहीं बन पायी. खासकर टाटा- रांची, टाटा- बहरागोड़ा के बीच ना फोर ले अौर सही ढंग से मरम्मत तक नहीं हो सका. ऐसा हाल एनएच 6 (बहरागोड़ा से लेकर ओड़िशा सीमा तक) का भी हुआ. काम के नाम पर विभाग बहरागोड़ा से ओड़िशा सीमा तक केवल टेंडर ही कर पाया. जबकि 15 सालों में जिला के कोटे से नौ मुख्यमंत्री में से दो मुख्यमंत्री ( रघुवर दास,अर्जुन मुंडा,) दो उप मुख्यमंत्री ( सुधीर महतो, रघुवर दास,) पांच मंत्री (सरयू राय, मृगेंद्र प्रताप सिंह, रघुवर दास, दिनेश षाड़ंगी, बन्ना गुप्ता) एनएच 33 को दुरूस्त करवाने का दावा अपने-अपने कार्याकाल में किया लेकिन जमीन पर उनके दावे हकिकत नहीं हो सके. वास्तविक रूप में रांची से बहरागोड़ा तक खानापूर्ति ही हुई. माहुलिया से बहरागोड़ा तक एनएच 33 में दो वर्ष काम अधूरा छोड़कर भागने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ प्राधिकार ने मेसर्स सिमप्लेस प्राइवेट लिमटेड को अंतत: ब्लैकलिस्टेड करने की कार्रवाई की. इधर, स्टेशन चौक से लेकर बड़ौदा घाट तक तीन किलोमीटर नयी रोड (रेल क्षेत्र में) का निर्माण के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास अौर जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने पहल की, लेकिन रेलवे के एनओसी के इंतजार में योजना शुरू नहीं हो सकी है.मानगो में बना जमशेदपुर का पहला फोर लेन रोड15 सालों में वर्ष 2014 में मानगो में पहला फोर लेन रोड बना. हालांकि रोड के साथ फूटपाथ का निर्माण अबतक पूरा नहीं हो पाया. जिले में करीब 22 करोड़ की लागत से पारडीह से मानगो अौर पुरूलिया रोड मानगो चौक तक 52-54 फीट चौड़ा पहला फोर लेन रोड बनाया जायेगा. अौर बिना उदघाटन के अौपचारिकता के ही आम लोगों के लिए फोर लेन रोड का इस्तेमाल शरू हो गया. एक पुल, अौर टॉल ब्रिज बनाइन 15 वर्षों में वर्ष 2013 में बिष्टुपुर से आदित्यपुर के बीच खरकई नदी पर दो पथीय एक उच्चस्तरीय पुल का निर्माण किया गया. इसी तरह खरकई नदी पर कदमा रामजनमगर से आदित्यपुर अौद्योगिक क्षेत्र के बीच वर्ष 2012 एक टॉल ब्रिज बनाया गया. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से वर्ष 2013 से दोपहिया से शुल्क बंद किया गया. … अौर शहर की ट्राॉफिक लोड कम करने के लिए अगले दो वर्ष में दो पुल प्रस्तावित15 सालों में दो पुल के अलावा लौहनगरी में ट्राॉफिक लोड कम करने के उद्देश से सोनारी से कदरबेड़ा अौर हुरलुग से एनएच 33 के बीच सुवर्णरेखा नदी पर एक-एक उच्चस्तरीय दो पथीय पुल प्रस्तावित है. फिर योजना का टेंडर निकाला गया है, जो अगले दो वर्ष में पूरा करने का दावा राज्य सरकार ने किया है. ———————-बिजली :—- गरमी मौसम में 12-14 घंटे बिजली की कटौती खत्म नहीं हो सकी15 सालों में बिजली की डिमांड बढ़ते चली गयी, लेकिन एक मेगावाट का उत्पादन शुरू नहीं हुआगैर कंपनी जमशेदपुर में टाटा पावर के साथ एमओयू के बाद भी काम नहीं दिया, कर्मचारियों का विरोध रहा.वरीय संवाददाता, जमशेदपुर15 सालों में बिजली आपूर्ति में एक भी सुधार नहीं हो पाया. 15 सालों में गरमी मौसम में 12-14 घंटे की बिजली की कटौती से गैर कंपनी जमशेदपुर इलाके के 1.31 लाख परेशान ही रही. इसके अलावा चक्रवातीय तूफान में गैर कंपनी इलाके जमशेदपुर समेत कोल्हानभर में बिजली पोल अौर जर्जर तार, उपकरणों की पोल वर्ष 2014 व 2015 में खुली. हालांकि दो वर्षों में काफी नुकसान हुआ, तीन-चार दिनों तक बिजली आपूर्ति बाधित रही. इसके पीछे 15 सालों में बिजली की डिमांड बढ़ते चली गयी, लेकिन एक मेगावाट का उत्पादन शुरू नहीं होना बताया गया. इधर, वर्ष 2013 में गैर कंपनी जमशेदपुर में टाटा पावर के साथ एमओयू के बाद भी काम नहीं दिया, हालांकि निजी कंपनी को बिजली आपूर्ति अौर बिल वसूली काम का बिजली विभाग के इंजीनियरों व कर्मचारियों का संघ ने मिलकर विरोध किया.आदर्श पावर सब स्टेशन का काम रूका, विद्युत जीएम पर नामजद मुकदमा हुआसिदगोड़ा स्थित आदर्श पावर सब स्टेशन का शिलान्यास मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्ष 2015 में किया, लेकिन जमीन पर स्थानीय नरेंद्र श्रीवास्तव ने बलपूर्वक जमीन पर पावर सब स्टेशन बनाने के खिलाफ कोर्ट में विद्युत जीएम एपी सिंह के विरूद्ध नामजद केस किया.झारखंड हाइकोर्ट से उक्त पावर सब स्टेशन निर्माण पर रोक लगा हुआ है. हालांकि राज्य सरकार व विद्युत जीएम हाइकोर्ट के फैसला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील में गये हुए है. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़ा हुआ है.बिजली अॉन लाईन बिलिंग शुरू हुआपिछले 15 सालों में वर्ष 2015 नवंबर में घाटशिला अनुमंडल में (घाटिशला अौर मुसाबनी टाउन क्षेत्र में) बिजली विभाग ने अॉन लाईन बिलिंग व भुगतान शुरू किया गया. अपने तरह के नये प्रोजेक्ट में बिलिंग के साथ बिजली कनेक्शन लेने के लिए अॉन लाईन आवेदन लेने का कार्य शुरू किया गया है. इससे बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल जानने अौर उसे जमा करने के लिए बिजली कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है.———–पानी:—-15 सालों में मानगो, मोहरदा जलापूर्ति योजना पूर्ण रुप से नहीं धरातल पर नहीं उतर सकी जुगसलाई व बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में जलापूर्ति की योजना चालू हुई, लेकिन योजना के लिए दो दर्जन से ज्यादा सड़क तोड़ने के बाद ठीक नहीं किया गया.विश्वबैंक पोषित बागबेड़ा अौर छोटगोविंद जलापूर्ति योजना सीएम ने शिलान्यास किया, लेकिन सात माह के बाद स्थल बदला गया.वर्ष 2012 में घोड़ाबांधा जलापूर्ति योजना चालू हुई, लेकिन 60 लाख बिजली बिल होने से जुस्को प्रबंधन ने योजन बंद होने की चेतावनी दी.वरीय संवाददाता, जमशेदपुरझारखंड सृजन के 15 सालों में झारखंड सरकार ने कुल सात जलापूर्ति योजना ली, इसमें जुगसलाई अौर बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में ही सही ढंग से चालू कर सकी. लेकिन बागबेड़ा जलापूर्ति योजना में गंदा पानी की आपूर्ति से 1140 उपभोक्ता परेशान-परेशान है. जबकि मानगो अौर मोहरदा जलापूर्ति योजना में आज भी इलाके के सभी घरों में जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी है. इसके अलावा यहां गंदा पानी की आपूर्ति की आम उपभोक्ता का नियमित शिकायत रहती है. हालांकि झारखंड सरकार ने मानगो अौर मोहरदा जलापूर्ति योजना मेंछूटे हुए लोगों के घरों में पानी का कनेक्शन देने की योजना स्वीकृत की है, लेकिन योजना अबतक धरातल पर नहीं उतर सकी है. इसके अलावा चार लाख आबादी को शुद्ध पानी पिलाने के लिए विश्वबैंक पोषित बागबेड़ा अौर छोटगोविंद जलापूर्ति की 238 करोड़ की योजना का शिलान्यास सीएम रघुवर दास ने वर्ष 2015 में किया था, शिलान्यास के सात माह के बाद विश्व बैंक की टीम के स्थल निरीक्षण के बाद बदला गया. विश्व बैंक की टीम ने जल मीनार व फिल्टर प्लांट के लिए छोटे स्थल व विरोध हो रहे स्थल या विवादित जगह साफ-सुथरा अौर बड़ा जगह की मांग राज्य सरकार से की है. इसके अलावा झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने वर्ष 2012 में घोड़ाबांधा जलापूर्ति योजना चालू हुई थी. लेकिन 60 लाख रुपये से ज्यादा का बिजली व अन्य मद में बिल होने से जुस्को प्रबंधन ने योजन बंद होने की लिखित चेतावनी जिला प्रशासन को दी है.\\\\\\\\B

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