गोपालगंज : लोक आस्था का महापर्व छठ मनाने को लेकर किसान काफी उलझन में हैं. इस महापर्व के मौके पर भी किसानों की जेब अब भी खाली है. ऐसे तो किसान नकदी फसल के रूप में गन्ने की खेती करते हैं. अपनी गन्ना उधारी पर चीनी मिल को दे देते हैं.
उन्हें तो यह उम्मीद रहती है कि चीनी मिल गन्ना मूल्य का भुगतान करेंगे, जिससे सालों भर परिवार के खर्च के साथ होली-दीपावली व लोक आस्था का महापर्व छठ धूमधाम से मनायेंगे. लेकिन, इस वर्ष चीनी मिलों के द्वारा दस माह के बाद भी किसानों के बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को नहीं किया गया है.
किसानों के अरबों रुपये जिले के सासामुसा, सिधवलिया और गोपालगंज चीनी मिलों के जिम्मे बकाया है. किसान छठ पूजा को लेकर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. किसानों के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा है. डीएम के जनता दरबार से लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके हैं.
लेकिन, उनके बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान कहीं से भी नहीं हो रहा है. ऐसे में किसान काफी मायूस हैं कि उनका महापर्व छठ कैसे बीतेगा.