भागलपुर: नगरवासियों की अपेक्षा पर भागलपुर नगर निगम खरा नहीं उतर पा रहा है. सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को क्रियान्वित करने और नगर क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने में भागलपुर नगर निगम पीछे चल रहा है. नगर निगम को डोर टू डोर कूड़ा उठाना है. बावजूद इसके सितंबर में निगम प्रशासन ने ऐसा नहीं किया.
इस वर्ष एक भी सामूहिक व पब्लिक टायलेट नहीं बनाये गये. यही नहीं, सितंबर में निगम द्वारा किये गये कार्यों में 12 में से नौ बिंदुओं पर मुख्यालय ने असंतोष व्यक्त करते हुए इसमें सुधार करने का निर्देश दिया है. बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सितंबर में भागलपुर नगर निगम में हुए कार्यों की समीक्षा की थी. समीक्षा बाद तीन नवंबर को प्रधान सचिव ने भागलपुर के नगर आयुक्त को पत्र भेज कर किये गये कार्यों पर कड़ी टिप्पणी की है. इस पर अनुपालन को लेकर रिपोर्ट तीन सप्ताह के अंदर भेजने कहा गया है.
स्वयं सहायता समूह गठित करने में पीछे : राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहर में 390 स्वयं सहायता समुह गठित करने थे, इनमें 363 ही गठित किये गये. एक रैन बसेरा का निर्माण करना था, जो पूरा नहीं हो सका. सर्वेक्षण किये जा चुके 16 स्ट्रीट वेंडर में से किसी को भी पहचान पत्र नहीं मिल पाया है. इस स्थिति को मुख्यालय ने असंतोषजनक बताया है. सफाई के लिए नहीं खरीदी मशीनें : शहर में 51 वार्ड हैं इसमें से किसी भी वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम नहीं हुआ. सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वांछित संख्या में मशीनों की खरीदारी नहीं की गयी. सफाई कर्मियों की ससमय उपस्थिति के लिए बायोमिट्रिक हाजिरी व्यवस्था लागू हुई या नहीं, इसका भी कोई अता-पता नहीं है.
इस पर मिली वाहवाही
नगर सेवा प्रबंधन के तहत इस वित्तीय वर्ष में हेल्पलाइन के माध्यम से 99 जन शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें 88 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया. शेष लंबित है. पिछले वर्ष के मासिक होल्डिंग टैक्स वसूली की अपेक्षा इस वर्ष सितंबर तक 52.83 प्रतिशत अधिक की वसूली गयी. इसी तरह चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत नगर निकाय में 1501.11 लाख रुपये उपलब्ध थे. इसमें अद्यतन व्यय 71.94 प्रतिशत हुआ. इस पर मुख्यालय ने संतोष जताया है.
इस पर सुधार का निर्देश
13वें वित्त आयोग के अंतर्गत नगर निकाय में उपलब्ध 307.31 लाख रुपये में से अद्यतन व्यय 135.53 लाख रुपये किया गया. यह व्यय महज 44.10 प्रतिशत हुआ. 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत इस वर्ष नगर निकाय में उपलब्ध 455.54 लाख रुपये में अद्यतन व्यय शून्य हुआ. मुख्यालय ने इसे अत्यंत निराशाजनक बताया है. राज्य योजना के अंतर्गत उपलब्ध 2766.99 लाख रुपये में से महज 6.76 प्रतिशत व्यय हुए. 45 योजनाओं में से महज चार योजनाएं पूरी हो सकी है. इसे भी मुख्यालय ने अत्यंत निराशाजनक बताया है. पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के अंतर्गत उपलब्ध 590.84 रुपये में से 23.89 प्रतिशत व्यय हुआ. वहीं कुल कार्यरत 198 योजनाओं में से 111 योजनाएं ही पूरी हो सकी, जो मात्र 56.06 प्रतिशत है. इसे भी निराशाजनक बताया.