यह त्यौहार बहुत रूपों में शुभ है. इस दिन यदि किसी को धन की जरूरत हो, तो उसके घर लक्ष्मी आती है. अगर किसी को सेहत चाहिए, तो शक्ति आती है. अगर किसी को शिक्षा चाहिए, तो सरस्वती उसके घर पधारती हैं. दीपावली रोशनी का त्यौहार है. दीपावली पर शहर और गांव हजारों दीयों की रोशनी में जगमगा जाते हैं. मगर यह सिर्फ बाहर दीये जलाने का उत्सव नहीं है, आपको अपने अंदर रोशनी लानी होगी. रोशनी यानी स्पष्टता.
स्पष्टता के बिना कोई भी गुण आपके लिए वरदान नहीं बन सकता है. रोशनी सिर्फ भौतिक अर्थों में ही स्पष्टता नहीं लाती है, बल्कि आपकी दृष्टि में भी स्पष्टता लाती है. आप कितनी स्पष्टता से अपने आस-पास की हरेक चीज का अनुभव करते हैं, इसी से यह तय होगा कि आप जिंदगी को कितनी समझदारी से चलाएंगे. दीपावली के दिन स्याह-शक्तियों का नाश हुआ और रोशनी हुई.
मानव जीवन का भी यही हाल है- दुख और निराशा में चिंता के बादल इंसान के मन को घेर लेते हैं और वह यह नहीं समझ पाता कि ये बादल सूर्य को ढंकने की कोशिश कर रहे हैं. उसे रोशनी कहीं और से लाने की जरूरत नहीं है. अगर उसे अपने अंदर जमा काले बादलों को हटाना है, रोशनी अपने आप आ जायेगी. दीपावली इसी बात की याद दिलाता है.
– सद्गुरु जग्गी वासुदेव