नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि आरबीआई और सरकार के बीच ‘सम्मान वाले संबंध’ हैं, भले ही मौद्रिक नीति से जुडे निर्णय का जिम्मा केंद्रीय बैंक के पास है. यहां आईएचसी वार्षिक व्याख्यान में राजन ने कहा, ‘सरकार और आरबीआई के सम्मान वाले संबंध हैं. हम जाहिर तौर पर संपूर्ण सरकारी ढांचे का हिस्सा हैं. लेकिन जब मौद्रिक नीति से जुडे निर्णय की बात आती है तो वे काफी आदर करते हैं. यह (मौद्रिक नीति) निर्णय करने का जिम्मा आरबीआई के पास है.’ उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कटौती का विकल्प अपनाते समय कई बार वह सरकार के सुझावों से सहमत थे.
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘मैं कई बार सुझावों से सहमत रहा हूं. यही वजह है कि अभी तक दर में 125 आधार अंक की कटौती हमने की है.’ यद्यपि वित्त मंत्रालय वृद्धि दर बढाने के लिए दर में कटौती को लेकर लगातार दबाव बनाता रहा है, आरबीआई दर में कटौती पर रुढीवादी रुख अपनाता है क्योंकि दर घटने से मुद्रास्फीति बढ सकती है. राजन ने यह भी कहा कि मुद्रास्फीति में कमी से रुपया को स्थिर होने में मदद मिलेगी. बैंकिंग क्षेत्र में बढती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) पर उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने कुछ चुनौतियां हैं. हमें अपनी बाहें चढानी पडेंगी और उनके साथ काम करना पडेगा. लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह तनाव का कारण है.’
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