लाइफस्टाइल में सुधार कर अर्थराइटिस से बचेंफोटो डॉ राजीव जग्गी, होमियोपैथिक डॉक्टर जोड़ों के दर्द को अर्थराइटिस कहा जाता है. यह बीमारी कई कारणों से होती है. बीमारी ऑटो इम्मयून डिजीज की श्रेणी में आती है. इनवायरमेंटल फैक्टर, खराब लाइफस्टाइल, खराब इटिंग हैबिट्स व फूड इनटेक के कारण यह बीमारी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है. बीमारी होने से मरीज को एक या एक से ज्यादा ज्वाइंट्स में दर्द होता है. सूजन, ज्वाइंट्स के मूवमेंट में तकलीफ होती है. शरीर में ऐसे लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. पहले के समय में यह बीमारी 45 या 50 वर्ष से ज्यादा के उम्र के लोगों को होती थी. लेकिन, आज 25 साल से कम उम्र के लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. बीमारी से बचाव के लिए खानपान पर ध्यान देना चाहिए. रेगुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए. ज्यादा पानी पीना चाहिए. सही लाइफ स्टाइल अपनाकर बीमारी से बचाव किया जा सकता है. बीमारी : अर्थराइटिस लक्षण : ज्वाइंट्स में दर्द, सूजन, ज्वाइंट्स के मूवमेंट में तकलीफ.बचाव : खानपान पर ध्यान दें, रेगुलर एक्सरसाइज करें, ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें व सही लाइफस्टाइल को अपनायें.
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लाइफस्टाइल में सुधार कर अर्थराइटिस से बचें
लाइफस्टाइल में सुधार कर अर्थराइटिस से बचेंफोटो डॉ राजीव जग्गी, होमियोपैथिक डॉक्टर जोड़ों के दर्द को अर्थराइटिस कहा जाता है. यह बीमारी कई कारणों से होती है. बीमारी ऑटो इम्मयून डिजीज की श्रेणी में आती है. इनवायरमेंटल फैक्टर, खराब लाइफस्टाइल, खराब इटिंग हैबिट्स व फूड इनटेक के कारण यह बीमारी व्यक्ति को अपनी चपेट में […]
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