चंडीगढ : जानी मानी लेखिका एवं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की भांजी नयनतारा सहगल ने गुरूवार को कहा कि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उस अंदाज से प्रभावित हैं जिस तरह से उन्होंने ‘‘बडी भूमिका’ निभाने का फैसला किया है और अब उनमें ‘‘बडे बदलाव के संकेत’ दिख रहे हैं. चौथे चंडीगढ साहित्योत्सव के इतर सहगल से जब पूछा गया कि वह राहुल के बारे में क्या सोचती हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी की तरह :कई वर्ष पहले: मैं भी सोचती थी कि वह राजनीति में नहीं रहना चाहते.
हम में से कई लोगों ने सोचा कि यदि वह कोई और काम करें तो ज्यादा बेहतर होगा.’ बहरहाल, सहगल ने तुरंत कहा कि अब उन्हें राहुल में बडा बदलाव नजर आ रहा है. ‘बढती असहिष्णुता’ के विरोध में हाल ही में अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाली सहगल ने कहा, ‘‘हाल ही में मैंने उन्हें बिहार चुनावों के संदर्भ में बोलते देखा. वह काफी प्रभावित कर रहे थे. अपने तथ्यों को लेकर वह काफी स्पष्ट थे. शायद अब उन्होंने अपना पूरा वजन इसी में लगाने का फैसला कर लिया है. इससे पहले, वह पर्दे के पीछे से ये सब कर रहे थे. युवा कांग्रेस को संगठित एवं लोकतांत्रिक स्वरुप देने की कोशिश कर रहे थे. अब शायद उन्होंने बडी भूमिका निभाने का फैसला कर लिया है.’
सहगल ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर उनमें बडे बदलाव के संकेत देखे जा रहे हैं. मैंने बदलाव पर गौर किया है जो बेहद सकारात्मक है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी राजनीति में आने के बारे में सोचा था, इस पर सहगल ने कहा कि अपने शुरुआती जीवन में वह नेहरु और महात्मा गांधी से काफी प्रभावित थे, लेकिन राजनीति में आने के बारे में ‘‘कभी नहीं’ सोचा. सहगल ने आगे कहा कि वह राजनीति में कभी भी आ सकती थीं, क्योंकि यह परिवार में पहले से मौजूद थी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दो बार संसद में सीट की पेशकश की गई, लेकिन मैंने कभी सत्ता और धन-संपत्ति नहीं चाही. मुझे इन दोनों चीजों से कोई लगाव नहीं रहा.’