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कोरवा जाति का पैसा खा गये मुलाजिम

दुर्जय पासवान गुमला :गुमला में बिरसा आवास निर्माण में भारी घोटाला हुआ है. घर बना नहीं, लेकिन पैसाें की निकासी हो गयी. ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है. गुमला से 25 किमी दूर हरिनाखाड़ गांव में निवास करनेवाले विलुप्तप्राय आदिम जनजाति कोरवा के घर का पैसा सरकारी मुलाजिम खा गये. पांच लाख रुपये […]

दुर्जय पासवान
गुमला :गुमला में बिरसा आवास निर्माण में भारी घोटाला हुआ है. घर बना नहीं, लेकिन पैसाें की निकासी हो गयी. ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है. गुमला से 25 किमी दूर हरिनाखाड़ गांव में निवास करनेवाले विलुप्तप्राय आदिम जनजाति कोरवा के घर का पैसा सरकारी मुलाजिम खा गये. पांच लाख रुपये से अधिक का बंदरबांट हुई है.
गांव के नौ कोरवा जाति के लोगों का बिरसा आवास बनना था. योजना वर्ष 2007-2008 का था, लेकिन उस समय के अधिकारी व कर्मचारियों ने नींव खोद कर पूरा पैसा डकार गये.
एक घर की लागत 62 हजार 500 रुपये था. घर बना नहीं. अभी कोरवा जाति के लोग झाड़फूस व मिट्टी के घर में रहते हैं. बारिश के दिनों में भारी परेशानी होती है. कोरवा जाति के लोगों की स्थिति से प्रशासन वाकिफ है. लेकिन घर बनाने की दिशा में पहल नहीं की जा रही है.
इन लोगों का घर बनना था
गांव के शांति कोरवाइन, जीता कोरवाइन, पैरो कोरवाइन, रामकेश्वर कोरवा, मंगरी कोरवाइन, अमसी कोरवाइन, रंथु कोरवा, बसंती कोरवाइन, जवंती कोरवाइन है. जिनका बिरसा आवास बनना था.
इन लोगों ने कहा कि उस समय
पंचायत सेवक राजेंद्र मुंडा थे. जिन्होंने गड़बड़ी की है. नींव खोदने के बाद काम बंद हुआ जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है.
जंगलों के बीच है हरिनाखांड़
हरिनाखांड़ गांव आंजन पंचायत में पड़ता है. यह जंगल व पहाड़ों के बीच है. गांव जाने के लिए सात छोटी-बड़ी नदियों को पार करना पड़ता है. जहां पुल-पुलिया नहीं है. पहाड़ से होकर गांव जाते हैं. क्योंकि सड़क नहीं है. यह गांव सरकारी सुविधाओं से वंचित है. एक भी सरकारी योजना यहां संचालित नहीं है.
सबसे ज्यादा अंधविश्वास है
आज तक सरकारी अधिकारी गांव तक नहीं पहुंचे है. यही वजह है कि इस गांव में जागरूकता की कमी है. अंधविश्वास से यह गांव जकड़ा हुआ है. यहां जब भी हत्या होती है तो कारण डायन-बिसाही माना जाता है. पूर्व में दो घटनाएं घट चुकी है.
डीसी से घर बनवाने की मांग
कोरवा जाति के लोगों ने मंगलवार को डीसी दिनेशचंद्र मिश्र को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें सभी नौ लाभुकों का हस्ताक्षर है. लाभुकों ने कहा : पंचायत सेवक राजेंद्र मुंडा जिसने गड़बड़ी की है. वह अभी डुमरी प्रखंड में है. उससे घर का पैसा वापस लेकर घर बनवाने की मांग की है.

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