जमालपुर : बड़ी आशिकपुर क्षेत्र में मंगलवार को बहु क्षेत्रीय संत मत सत्संग का आयोजन किया गया. संयोजन महावीर साह तथा दिनेश प्रसाद साह का था. जबकि मुख्य प्रवचन कर्ता संत मत के वरिष्ठ महात्मा स्वामी रूदल बाबा थे.उन्होंने कहा कि संत मत सत्संग में ज्ञान योग युक्त ईश्वर भक्ति की चर्चा होती है. सत्संग में जाना पहली भक्ति है.
प्रेम के साथ सत्संग सुनना दूसरी भक्ति है. मानहीन होकर गुरु की सेवा करना तीसरी तथा गुरु का गुणगान करना चौथी भक्ति है. उन्होंने कहा कि सच्चे संत और परमात्मा में कोई अंतर नहीं. संसार में सबसे बड़ा संत होते हैं तथा संतों में नैसर्गिक शक्ति होती है. मनोयोग पूर्वक गुरु के बताये रास्ते पर चल कर चलने से साधक को संसार में किसी चीज की कमी नहीं रहती.
सत्संग मात्र से ही अर्थ, धर्म, काम तथा मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.उपाध्यक्ष प्रमोद यादव ने कहा कि लगभग चालीस वर्ष पहले बहु क्षेत्रीय सत्संग का आरंभ बरईचक पाटम आश्रम के तपोनिष्ठ पूज्य बाबा भुजंगी दास ने किया था.
तब से प्रत्येक महीने भिन्न भिन्न स्थानों पर अनवरत रूप से इसका आयोजन किया जाता रहा है. इसी कड़ी में आगामी 28 नवंबर को रामनगर मोरचा ग्राम में सत्संग का आयोजन होगा. मौके पर स्वामी नरेंद्र बाबा, सचिव वासुदेव मंडल, प्रचार मंत्री राजन कुमार चौरसिया, शिवनारायण मंडल, विमल मोदी, शिवचरण साह, भुनेश्वर तांती, प्रभात कुमार गुप्ता, जागो साह, रामस्वरूप मंडल, मदन यादव, श्यामा देवी, मीना देवी, सुशीला देवी, मनोरमा देवी तथा भामिनी देवी मुख्य रूप से उपस्थित थी.