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जनता की चुप्पी नेताओं पर भारी

जनता की चुप्पी नेताओं पर भारी फोटो-1 से 8 कैप्सन- मतदाताओं का फाइल फोटोप्रतिनिधि, सुपौल प्रचार का शोर थम चुका है. मतदान केंद्रों को भी समुचित संसाधन से लैस किया गया है. कई आदर्श मतदान केंद्र बनाये गये हैं, जहां इस महापर्व के दौरान मतदाताओं को मेला का भी लुफ्त उठाने का मौका मिलेगा. जिले […]

जनता की चुप्पी नेताओं पर भारी फोटो-1 से 8 कैप्सन- मतदाताओं का फाइल फोटोप्रतिनिधि, सुपौल प्रचार का शोर थम चुका है. मतदान केंद्रों को भी समुचित संसाधन से लैस किया गया है. कई आदर्श मतदान केंद्र बनाये गये हैं, जहां इस महापर्व के दौरान मतदाताओं को मेला का भी लुफ्त उठाने का मौका मिलेगा. जिले वासियों के लिए लोकतंत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग कर महापर्व मनाने को लेकर कुछ समय शेष बचा है. प्रचार-प्रसार के दौरान मतदाता उम्मीदवारों की हरेक गतिविधि पर नजर रखते हुए अपनी चुप्पी साधे रहे, लेकिन मन ही मन अपना वोट संबंधित प्रत्याशी के पक्ष में दिये जाने का सपना संजोए हैं. इधर मतदाता की चुप्पी ने सभी उम्मीदवार व कार्यकर्ताओं में बेचैनी ला दी है. मतदाताओं के वोट को अपने पक्ष में करने के लिए राजनेता, पार्टी प्रत्याशी, स्वतंत्र उम्मीदवार व कार्यकर्ताओं द्वारा प्रचार-प्रसार के दौरान कई प्रकार के लोक लुभावन वादे व एक दूसरे के विरुद्ध आरोप-प्रत्यारोप की बात भी कही गयी, ताकि मतदाता खुल कर उनके समर्थन में हामी भर दें. पर, लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति से अवगत मतदाता नेताओं की राजनीति से काफी आगे अपनी सोच को रख रहे हैं. जागरूक मतदाताओं से जन प्रतिनिधि व सरकार के गठन को लेकर प्रभात खबर द्वारा ली गयी राय शुमारी में विविध विचार सामने आये. बिट्टू कुमार ने कहा कि चहुंओर विकास की बयार बहने की बात कही जा रही है. अनुमंडल स्तर पर चिकित्सा व्यवस्था बदहाल बनी है. जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि स्थानीय मुद्दा की जानकारी सरकार को उपलब्ध कराये, ताकि क्षेत्र का समुचित विकास हो सके. नंद किशोर कुमार कहते हैं कि मतदाताओं को उम्मीदवार की सूरत पर नहीं बल्कि उनकी नीयत को पहचान कर वोट करना चाहिए. ताकि सभ्य व सुसंगत समाज का निर्माण हो सके. जन प्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जो जनता के हित में कार्य करेे और क्षेत्र के विकास की दिशा में हमेशा खरा उतरे.प्रो मेजर आरपी यादव ने कहा कि कोसी का इलाका आरंभ से ही पिछड़ा रहा है. आज तक सबों ने सिर्फ विकास किये जाने की बात ही कही है. सरजमी पर विकास कहीं नहीं दिख रहा है. जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो क्षेत्र का समुचित विकास करे.कुमार शशींद्र सिंह कहते हैं, विगत वर्षों में राजनीति का स्तर काफी गिरा है. आये दिन राजनेता से लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा किये जा रहे अभद्र भाषा के प्रयोग से जनमानस में कटुता की भावना पनप रही है. जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि अपने अपने क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दें, ताकि प्रजातंत्र की रक्षा की जा सके.अर्चना सिन्हा ने कहा सूबे की सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य विकासात्मक कार्य को तरजीह देनी चाहिए. सरकार द्वारा जनता के लिए उक्त संसाधन को उपलब्ध करा दिया जाये, तो विकास की गति स्वत: दिखने लगेगी. रंजना देवी ने कहा कि विकास के लिए पांच वर्ष का समय कम नहीं होता है. समस्या हरेक जगहों पर उत्पन्न है. जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि प्राथमिकता के आधार पर विकासात्मक कार्य करायें और किये गये कार्यों की समय-समय पर समीक्षा भी करें.बबलू भगत ने कहा कि लोकतंत्र में मताधिकार का प्रयोग किया जाना आवश्यक है, ताकि क्षेत्र का अपेक्षित विकास कराया जा सके. आज के जन प्रतिनिधियों द्वारा वोट की राजनीति कर चुनाव जीत जाने की लालसा देखी जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.डाॅ कुमार कौशल किशोर कहते हैं कि उम्मीदवार ईमानदार, शिक्षित और समाज के प्रति सकारात्मक सोच रखने वाला हो. तभी क्षेत्र का विकास संभव है. इस आर्थिक युग में जन प्रतिनिधियों को अपने – अपने क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि लोगों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके.

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