शारजाह : भारत के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि नयी दिल्ली और इस्लामाबाद को बातचीत शुरु करनी चाहिए जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच नियमित मैचों के लिए रास्ता साफ हो सके.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को संयुक्त अरब अमीरात में दिसंबर-जनवरी में होने वाली प्रस्तावित श्रृंखला के लिए भारत के अपने समकक्ष बीसीसीआई के जवाब का इंतजार है. पिछले साल पीसीबी और बीसीसीआई के बीच छह श्रृंखलाओं के लिए जिस सहमति पत्र पर हस्ताक्षए हुए थे ये श्रृंखला उसकी पहली श्रृंखला है. इसके लिए हालांकि संबंधित सरकारों की स्वीकृति मिलना जरुरी है.
बीसीसीआई ने पिछले हफ्ते सरकार से स्वीकृति मांगी थी और अगले 10 दिन में उसे अंतिम जवाब मिलने की उम्मीद है. अगर यह श्रृंखला होती है तो 2007 के बाद दोनों बोर्ड के बीच पहली श्रृंखला होगी. मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच अधिकांश खेल कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था. मुंबई हमले की योजना पाकिस्तानी आतंकियों ने बनाई थी. दोनों देशों के बीच हालांकि 2012 में भारत में सीमित ओवरों की संक्षिप्त श्रृंखला खेली गई थी. गावस्कर ने कहा कि दोनों के बीच जो अविश्वास है उसे खत्म किया जाना चाहिए.
गावस्कर ने शारजाह में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच तीसरे और अंतिम टेस्ट के इतर एएफपी से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए लोगों को बात करने की जरुरत है, जब तक आप एक दूसरे से बात नहीं करते तब तक समस्याओं का कोई समाधान नहीं है इसलिए यह पहला कदम है.” भारत की ओर से 125 टेस्ट में 10122 रन बनाने वाले गावस्कर ने कहा कि अंतिम फैसला हमेशा सरकार करती है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी खेल में इतनी ताकत है कि वह अपनी सरकार को अपना नजरिया बदलने के लिए बाध्य करे लेकिन जब दो देश खेलते हैं तो उनके समर्थक आकर मैचों को देखते हैं, वे आपस में घुलते मिलते हैं और समझ विकसित होती है.” गावस्कर ने कहा, ‘‘इससे सरकार को संकेत जाता है लेकिन मैं राजनेता नहीं हूं और मैं एक पूर्व खिलाड़ी के रुप में बोल रहा हूं. जब तक आप बात नहीं करते आप समस्या का हल नहीं निकाल सकते.”