बाराद्वारी स्थित मिशनरी ऑफ चैरिटी और साकची स्पर्श में रह रहे नौिनहाल को अपनों से मिलाने में करें मदद
जमशेदपुर : बाराद्वारी स्थित मिशनरी ऑफ चैरिटी और साकची स्पर्श में रह रहे लावारिस नैनिहाल मां-बाप के प्यार को तरस रहे हैं. मिशनरी ऑफ चैरिटी में चार और स्पर्श में रह रही एक मासूम बच्ची की आंखें मां के आंचल का इंतजार साफ झलकता है.
जो वक्त और परिस्थितयों ने इनसे छीन लिया. आखिर इनकी गलती क्या थी कि ये मासूम, जो ये मां के प्यार से महरूम रह गये.
हर अनजाने चेहरे में प्यार और अपनापन तलाशती हैं ये आंखें : चार माह से लेकर दो साल तक की उम्र के ये बच्चे संस्थान में आने-जाने वाले हर शख्स में प्यार खोजते हैं. अपनेपन को तरसते ये बच्चे हर अनजान चेहरे को देखकर अपना हाथ आगे बढ़ा देते हैं. इस ख्वाहिश में कि एक दिन उनके माता-पिता उन्हें लेने जरूर आयेंगे. इन बच्चों को बाल कल्याण समिति की मदद से बाराद्वारी स्थित मिशनरी ऑफ चैरिटी और साकची स्पर्श संस्थान में रखा गया है. जहां इनका लालन-पालन हो रहा है. शहरवासी इन बच्चों की पहचान कर इनके मां-पिता से मिलवा सकते हैं.
सुषमा कुमारी की उम्र 6 साल : सिदगोड़ा पुलिस काे 6 अक्तूबर 15 को एक बच्ची लावारिस हालत में मिली. पूछने पर उसने अपना पता स्कूल के पास एक पार्क और बगल में बाजार और नाम सुषमा कुमारी बताया. यह पता संभवत: सिदगोड़ा का है. फिलहाल बच्ची को स्पर्श संस्था में रखा गया है.