बाली : भारतीय पुलिस का एक दल गिरफ्तार अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को जल्द से जल्द भारत लाने की मांग को लेकर आज यहां पहुंचा. राजन से इस लोकप्रिय पर्यटन शहर स्थित एक इंडोनेशियाई पुलिस हिरासत केंद्र में एक भारतीय राजनयिक ने मुलाकात की.
सीबीआई और मुंबई और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का संयुक्त दल भारत द्वारा इंडोनेशियाई अधिकारियों को उसके खिलाफ भारत में दर्ज विभिन्न आपराधिक मामलों में मुकदमे का सामना करने के लिए उसे सौंपने को लेकर पत्र लिखे जाने के दो दिन बाद यहां पहुंचा है.
राजन को 25 अक्तूबर को ऑस्ट्रेलिया से यहां आने पर बाली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था. टीम आज तडके भारत से रवाना हुई. उसे इंडोनेशियाई और दिल्ली पुलिस के कमांडो ने सुरक्षा प्रदान की है. सूत्रों ने बताया कि इससे पहले जकार्ता में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (कॉन्स्युलर) संजीव कुमार अग्रवाल ने राजन से हिरासत केंद्र में तकरीबन आधे घंटे तक मुलाकात की. यह पहला मौका है जब किसी भारतीय अधिकारी ने उससे कारागार में मुलाकात की है.
अग्रवाल जकार्ता से आज सुबह बाली पहुंचे और राजन से मिलने के लिए सीधा पुलिस हिरासत केंद्र के लिए रवाना हुए. राजन भारत के सर्वाधिक वांछित अपराधियों में से एक है. राजन को कूटनीतिक पहुंच इंडोनेशियाई पुलिस द्वारा राजन की हिरासत के बारे में भारतीय दूतावास को एक रिपोर्ट सौंपने के दो दिन बाद मुहैया कराई गई है.
राजन ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘मैं आतंकवाद से लड़ रहा हूं और ऐसा करता रहूंगा.” वह इंडोनेशियाई पुलिस की सुरक्षा में था. जब राजन को बाली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था तो उसके पास एक भारतीय पासपोर्ट था जिसपर उसका नाम मोहन कुमार लिखा था.
इंडोनेशिया में भारत के राजदूत गुरजीत सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि राजन को भारत लाने की प्रक्रिया पहले ही शुरु हो गई है और इसके लिए कोई समय-सीमा नहीं है. भारतीय अधिकारियों के साथ-साथ राजन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. ऐसा प्रतिद्वंद्वी गिरोहों और खासतौर पर दाउद इब्राहिम से राजन की जान को काफी खतरा होने के मद्देनजर किया गया है.
भारतीय दल के साथ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के एलीट कमांडो भी हैं. राजन ने एक वकील फ्रांसिस्को प्रसार की सेवा भी ली. उसने दो दिन पहले हिरासत केंद्र में उससे मुलाकात की. अंडरवर्ल्ड डॉन को ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से मिली गुप्त सूचना पर इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर बाली में इंडोनेशियाई पुलिस ने गिरफ्तार किया. प्रत्यर्पण संधि के अभाव में भारतीय अधिकारियों ने पहले ही अपने इंडोनेशियाई समकक्षों को उसकी भारतीय पहचान के बारे में दस्तावेज प्रदान कर दिए हैं ताकि उसे भारत लाने की प्रक्रिया सुगम बनाई जा सके.