मुम्बई : शिवसेना ने आज औरंगाबाद के अपने सांसद चंद्रकांत खैरे का बचाव किया जिन्होंने अदालत के आदेश के मुताबिक मंदिर ढहाने वाले नगर निकाय के एक अधिकारी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया. नगर निकाय के अधिकारी रमेश मुंडलोड ने उच्च न्यायालय के आदेश पर औरंगाबाद में एक अवैध मंदिर सहित कई अवैध ढांचे को ढहा दिया जिनसे खैरे ने कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया.
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपा है, ‘जब खैरे ने अधिकारी से मंदिर ढहाने के बारे में पूछने का प्रयास किया तो उनसे अपराधी की तरह व्यवहार किया गया. मंदिर से यातायात को बाधा भी नहीं हो रही थी.’ शिवसेना ने पूछा, ‘क्या इस राज्य में हिंदू मंदिरों को बचाना अपराध है?’
संपादकीय में लिखा गया है, ‘कांग्रेस के शासनकाल में कुछ मंदिरों को ढहाने का आदेश अदालत ने दिया था. यह हिंदुओं का दुर्भाग्य है कि देवेन्द्र फडणवीस के शासनकाल में इसे लागू किया जा रहा है.’ खैरे ने अधिकारी को ‘औरंगजेब का वंशज’ करार दिया और उनसे पूछा कि वह ‘मुस्लिम भवनों’ को क्यों नहीं ढहा रहे हैं. खैरे ने अधिकारी से गाली…गलौज करने के अलावा कथित तौर पर उन्हें धक्का दिया.
घटना को उचित ठहराते हुए खैरे ने कहा था कि अगर उन्होंने गाली नहीं दी होती तो क्षुब्ध भीड अधिकारी को मार देती. खैरे ने कहा था, ‘क्रोधित भीड खैरे की हत्या करने वाली थी जो अपनी कार में छिपे हुए थे और मैंने उन्हें बचाया. लेकिन मैंने उन्हें गाली भी दी तो क्या है? अगर हमारे मंदिरों को ढहाया जाएगा तो हम खडे होकर देखते नहीं रहेंगे. हम यहां हिंदुओं की रक्षा करने के लिए हैं.’ सांसद ने कहा कि यह राज्य में हिंदू मंदिरों के खिलाफ षड्यंत्र है.