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सुनिश्चित हार देख अपने असली एजेंडे पर उतरी भाजपा : सचिन
पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर पलटवार किया है. सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का बयान कि ‘अगर भाजपा हारी तो पाकिस्तान में पटाखा छुटेगा’ यह उनके सुनिश्चित हार को […]
पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर पलटवार किया है. सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का बयान कि ‘अगर भाजपा हारी तो पाकिस्तान में पटाखा छुटेगा’ यह उनके सुनिश्चित हार को दर्शाता है. भाजपा ने अपनी इस हार को देखते हुए सभी मुद्दों को छोड़ दिया है और अपना जाना-पहचाना असली एजेंडा का अपना लिया है. भाजपा कभी चाय की बात करती थी, लेकिन अब गाय की बात कर रही है.
ऐसे एजेंडे को उठा कर भाजपा आखिरी दावं खेल रही है कि अंतिम चरण के मतदान में ध्रुवीकरण किया जाये. उनके पास कोई भी चारा नहीं बचा है, इसलिए जनता को भड़काना चाह रहे हैं. बावजूद इसके बिहार में महागंठबंधन की सरकार बनेगी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार का गठन होगा. बिहार का चुनाव देश की राजनीति को मोड़ेगा. उन्होंने कहा कि जदयू, राजद के साथ-साथ कांग्रेस ने सेकुलर पार्टी के रूप में काम किया है. भाजपा ने फिर से अवसरवाद दिखाया है.
जीतन राम मांझी और रामविलास पासवान जब भाजपा में नहीं थे, तो वे बढ़िया नहीं थे, लेकिन गंगा जल छिड़कर भाजपा ने अपने में शामिल करा लिया. दोनों नेताओं को जातिगत आधार पर भाजपा ने अपने पक्ष में किया है. सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा नेता आरक्षण के विरोध में सिर्फ कह रहे हैं, लेकिन वे विरोध में नहीं हैं. जब आरएसएस प्रमुख ने कह दिया तो वह पत्थर की लकीर है.
प्रधानमंत्री ने बिहार को 1.25 लाख करोड़ पैकेज का एलान किया है, लेकिन अगर वे कहते कि यह राशि बिहार में उनकी सरकार बने या नहीं बने तब भी देंगे तो सही होता. यह राशि भाजपा की जेब से नहीं लगी है. यह जनता के हक का पैसा है अौर मिल कर रहेगा. उन्होंने कहा कि आज देश में अशांति का महौल है.
कई कौमों में छोटे-छोटे मसले हो रहे हैं. इतिहासकार, लेखक, साहित्यकार, वैज्ञानिक अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं. केंद्र सरकार जिद पकड़ कर काम करने की प्रणाली में विश्वास कर रही है. भाजपा अपने लोगों की बात भी नहीं सुन रही है और लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा को अज्ञातवाश में डाल दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान में 45 हजार करोड़ का घोटला, व्यापमं घोटाला, माइंस घोटाला, ललित गेट का मामला भी उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाये. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के प्रवक्ता चंदन यादव भी मौजूद थे.
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