नयी दिल्ली: चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 68.1 प्रतिशत यानी 3.78 लाख करोड रुपये रहा. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से स्थिति कुछ सुधरी है. तब राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 82.6 प्रतिशत पर पहुंच गया था. सरकार के कुल खर्च और आय का अंतर राजकोषीय घाटा कहलाता है. चालू वित्त वर्ष में इसके 5.55 लाख करोड रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. लेखा महानियंत्रक के आंकडों के अनुसार इस दौरान कर राजस्व 3.69 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पूरे वित्त वर्ष के बजट अनुमान 9,19,842 करोड़ रुपये का 40.2 प्रतिशत है.
पहली छमाही में सरकार की राजस्व और गैर रिण पूंजी से प्राप्तियां 5.31 लाख करोड रुपये रहीं. सरकार ने मार्च, 2016 अंत तक 12.21 लाख करोड रुपये की प्राप्तियों का अनुमान लगाया है. पहले छह माह में सरकार का योजना व्यय पूरे साल के बजट अनुमान का 54.6 प्रतिशत या 2,53,816 करोड़ रुपये रहा.
पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में सरकार का योजना व्यय बजट अनुमान का 42.8 प्रतिशत रहा था. कुल व्यय :योजना और गैर योजना: 9.10 लाख करोड रुपये रहा. चालू वित्त वर्ष के लिए इसका कुल बजट अनुमान 17.77 लाख करोड रुपये है. राजस्व घाटा 2015-16 के लिए बजट अनुमान का 68.2 प्रतिशत या 2.69 लाख करोड रुपये रहा. सरकार ने पूरे वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 5.55 लाख करोड रुपये या सकल घरेलू उत्पाद के 3.9 प्रतिशत पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा है. वित्त वर्ष 2014-15 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का चार प्रतिशत या 5.01 लाख करोड रुपये रहा था. जबकि इसका संशोधित अनुमान 4.1 प्रतिशत का था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.