फरीदाबाद : हरियाणा के सुनपेड गांव में एक दलित परिवार को जिंदा जलाये जाने की घटना में एक नया मोड़ आ गया है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस घटना की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री ने अपनी रिपोर्ट के अनुसार दलित के घर में आग बाहर से नहीं अंदर से लगायी गयी थी. लेबोरेट्री अपनी रिपोर्ट इस हफ्ते के आखिर तक सीबीआई को सौंप देंगी.
गौरतलब है कि 20 अक्तूबर को सुनपेड में एक दलित परिवार को जिंदा जला दिया गया था, जिसमें परिवार के दो मासूम बच्चे जलकर मर गये थे. दंपती की स्थिति भी बहुत खराब थी. घटना के बाद यह आरोप लगाया गया था कि ऊंची जाति के लोगों ने इस परिवार के घर में आग लगायी थी.
जांच करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि आधी जली हुई केरोसिन तेल की प्लास्टिक बोतल बेड के नीचे मिली. बेड का भी कुछ हिस्सा जल चुका था. एक जला हुआ माचिस का डिब्बा रूम की खिड़की के स्लैब पर पड़ा था। फोरेंसिक रिपोर्ट के नतीजे पीड़ित के बयान से एकदम अलग हैं. जितेंद्र ने दावा किया था कि जब वे घर में सो रहे थे, तो दबंगों ने घर को आग लगा दी थी.