शायद आपने कभी गौर न किया हो पर क्या आप पांव पर पांव रख कर बैठते हैं? महिलाओं को अक्सर पांव पर पांव रखकर बैठा देखा जा सकता हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं? इस तरह से बैठा आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा भी हो सकता है!
हालिया हुए शोध कहते हैं कि पांव-पर-पांव रख कर बैठना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है जो स्वास्थ्य संबंधी बिमारियों का कारण बनता है. इससे ब्लड प्रेशर का बढ़ना और वेरिकोस वेन्स (नसों पर दबाव बढ़ना और उनका क्षतिग्रस्त होना) जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
एक पैर पर दूसरा पैर रखकर लंबे समय तक बैठने से पांव सुन्न हो जाता है. ये इसलिए होता है क्योंकि इस तरह बैठने से घुटने के पीछे वाली नस पर दबाव बढ़ जाता है और निचले हिस्से में रक्त प्रवाह रुक जाता है.
इसके लिए किये गए प्रयोगों में यह देखा गया कि पांव पर पांव रख कर बैठना, हाई ब्लडप्रेशर वाले लोगों के लिए खतरा हो सकता है क्योंकि इसमें पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हो तो लंबे समय तक पांव पर पांव चढ़ाकर नहीं बैठना चाहिए, इससे ब्लड क्लॉटिंग का ख़तरा बढ़ता है.
हाल के एक अध्ययन मुताबिक अगर लोगों को पांव पर पांव चढ़ाकर खड़ा होने से शरीर के जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं में आराम मिलता है. वैसे दिलचस्प ये है कि दाएं घुटने पर बाएं पांव को रखने की तुलना में बाएं घुटने पर दाएं पांव को लगभग दोगुने लोग रखते हैं.
जबकि यह भी देखा गया है कि घुटने पर घुटने चढ़ाकर बैठने से हिप के पीछे की मांसपेशियों में 11 फीसदी वृद्धि होती है, लेकिन अगर घुटने पर घुटने रखकर बैठने के बाद खड़ा हुआ जाए तो हिप की मांसपेशियों में 21 फ़ीसदी वृद्धि होती है.
इस शोध के लेखकों के अनुसार पेल्विक ज्वांइट्स में स्थायित्व बढ़ता है. ऐसे में केनी एवरेट स्टाइल में बैठने से शरीर को ज़्यादा नुकसान होता है.
हालाकि यह बात व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग हो सकती है लेकिन फिर भी पांव-पर-पांव रख कर अधिक समय तक बैठना स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक हो सकता है.